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अढ़ाई दिन का झोपड़ा देखा है तो ढाई दिन की डामर सड़क भी देख लीजिए

  • चार किमी सड़क पर महज ढाई दिन में बिछा दिया डामर, ग्रामीणों ने लगाया गुणवत्ता में कमी का आरोप
  • खोखा में चार माह से बंद पड़े कार्य को ताबड़तोड़ किया शुरू, ग्रामीणों ने जांच की मांग रखी

बागोड़ा. ढाई दिन का झोपड़ा तो सुना ही होगा, अब ढाई दिन में सड़क निर्माण भी सुन लीजिए। क्षेत्र के खोखा गांव में चार किमी सड़क पर ढाई दिन में ही डामर बिछ गया। इस सड़क पर कंक्रीट बिछाने के बाद चार माह पहले कार्य बंद कर दिया गया था, लेकिन अब ताबड़तोड़ कार्य शुरू कर डामर बिछाया गया है। ग्रामीणों ने इस कार्य में गुणवत्ता के अभाव का आरोप लगाया है।

उपखंड क्षेत्र के खोखा गांव से लुम्भा की ढाणी सरहद तक पीडब्ल्यूडी की ओर से सड़क बनाई गई है। डामरीकृत सड़क में गुणवत्ता को ताक पर रख कर निर्माण कार्य करने का ग्रामीणों ने ठेकेदार पर आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मार्ग पर डामरीकरण की स्वीकृति जारी की थी। इस पर पीडब्ल्यूडी ने टेंडर किए तथा चार माह पहले कार्य शुरू करवाया। ग्रेवल सड़क पर कंक्रीट बिछाई गई, लेकिन इसके बाद कार्य बंद हो गया। अब तीन दिन पूर्व करीब चार किमी दूरी की इस सड़क पर वापस काम शुरू हुआ। इस बार डामर बिछाना था, जो ढाई दिन में ही पूरा कर दिया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डामर बिछाने में गुणवत्ता को ताक पर रखा गया है। ठेकेदार ने निर्धारित मात्रा में डामर का उपयोग नहीं किया। डामरीकृत सड़क की गुणवत्ता को लेकर जांच की मांग रखी है। उधर, सरपंच सलीम खान ने बताया कि तीन दिन में ही डामर उखड़ रहा है। ग्रामीणों ने डामर रोड बनाने को लेकर जो आरोप लगाए हैं उनकी जांच होनी चाहिए।

सड़क किस कदर सफाई से बनाई गई है उसका एक नमूना इसी से देख सकते हैं

बोर्ड तक नहीं लगाया
ठेकेदार की ओर से कार्य स्वीकृति, सामग्री की मात्रा या लागत राशि व गारंटी पीरियड सम्बंधी सूचना दर्शाने वाला बोर्ड भी यहां नहीं है। ऐसे में सड़क की गुणवत्ता एवं इसमें उपयोग की गई सामग्री को लेकर जो जानकारी होनी चाहिए उससे लोग अनभिज्ञ है।

अधिकारी बोले: इससे कोई फर्क नहीं पड़ता…
बोर्ड नहीं लगा रखा है यह मैं मानता हूं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बजट नहीं था इसलिए कुछ समय से काम बंद था। वैसे चार किमी सड़क पर डामर बिछाने में ज्यादा समय नहीं लगता। इसमें चार दिन का समय लगना न कम है और न ज्यादा। ग्रामीणों ने ढाई दिन बताए है तो भी कोई बात नहीं, इतने समय में डामर बिछाया जा सकता है। सड़क पांच साल की गारंटी अवधि में है इसलिए गुणवत्ता की भी कोई बात नहीं है।
रतनलाल बंसल, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, भीनमाल

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