आंखों के ऑपरेशन में बरती लापरवाही, ग्लोबल हॉस्पीटल को क्षतिपूर्ति राशि अदायगी के आदेश

- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला
सिरोही. आंखों के ऑपरेशन में लापरवाही बरतने से मरीज को हुए नुकसान को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग ने ग्लोबल हॉस्पीटल इंस्टीटयूशन ऑफ ऑप्थेल्मोलोजी को 65000 रुपए की क्षतिपूर्ति राशि अदा करने के आदेश दिए है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अप्रार्थी पीसी परमार फाउण्डेशन, ग्लोबल हॉस्पीटल इंस्टीटयूशन ऑफ ऑप्थेल्मोलोजी ने आम्बेश्वरजी में शिविर लगाया था, जिसमें प्रार्थी जब्बरसिंह ने अपनी आंखों की जांच करवाई। जिसमें प्रार्थी के बाएं आंख में मोतियाबिंद था। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। जिस पर प्रार्थी ने अप्रार्थी संस्था के अस्पताल में भर्ती होकर ऑपरेशन करवाकर लैंस लगवाया। प्रार्थी का कथन है कि अप्रार्थी की ओर से लापरवाही से ऑपरेशन करने पर आंख की दृष्टि समाप्त हो गई। जबकि, अप्रार्थी का कहना रहा कि बाएं आंख की जूनयुल (रेशे) कमजोर होने से कैप्सूल बैंग स्वस्थ हालात में नहीं था और लैंस अपनी जगह से हिल गया। अप्रार्थी डॉ वीसी भटनागर की ओर से प्रार्थी का जो डिस्चार्ज टिकट जारी किया गया है उसमें प्रार्थी को बड़ौदा में डॉ. भरत रामचंदानी से इलाज के लिए रैफर किया। डिस्चार्ज टिकट में अप्रार्थी ने यह अंकित नहीं किया कि प्रार्थी के बाएं आंख की जूनयुल (रेशे) कमजोर होने से कैप्सूल बैंग स्वस्थ हालात में नहीं है तथा लैंस अपनी जगह से हिल गया था, जो जेनयुल कमजोर होने के कारण हुआ। प्रार्थी के डिस्चार्ज टिकट में वर्णित तथ्यों से अप्रार्थी के कथनों की पुष्टि नहीं होती है। अप्रार्थी की ओर से लापरवाही से आंख का ऑपरेशन करने पर जेनुयल ब्रोकन होने पर अग्रिम इलाज के लिए डॉ. भरत रामचंदानी को पत्र लिखकर रैफर किया। डॉ.भरत रामचंदानी ने प्रार्थी के आंख में लगाया लैंस निकालकर पुन: ऑपरेशन कर नया लैंस लगाया। अप्रार्थी ने पत्र में डॉ.भरत रामचंदानी को लिखा कि बिल का पेमेंट अप्रार्थी को भेजा जाएं। अप्रार्थी ने पुराना लैंस निकालने की राशि तो अदा की पर पुन: ऑपरेशन कर नया लैंस लगाने व दवाई खर्च अदा नहीं किया। सुनवाई के दौरान जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कि अप्रार्थी संस्था के डॉ वीसी भटनागर की ओर से आंख का लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन करने से प्रार्थी को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रार्थी को पुन: इलाज व ऑपरेशन के लिए गांव रूखाड़ा से बड़ौदा टैक्सी लेकर जाने में टैक्सी किराया, पुन: ऑपरेशन करवाने, नया लैंस लगवाने एवं दवाइयों का खर्च हुआ है। इस पर आयोग ने फैसला देते हुए अप्रार्थी डॉ वीसी भटनागर व पीसी परमार फाउण्डेशन, ग्लोबल हॉस्पीटल इंस्टीटयूशन ऑफ ऑप्थेल्मोलोजी तलहटी, आबूरोड को आदेशित किया कि दो माह के भीतर संयुक्त तौर पर एवं पृथक-पृथक रूप से प्रार्थी को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए एकमुश्त 60 हजार रुपए व परिवाद व्यय 5 हजार रुपए अदा करें। राशि दो माह में अदा नहीं करने पर प्रार्थी को अप्रार्थी से आदेश की तारीख से वसूली तक 7 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज प्राप्त करने का अधिकार भी रहेगा। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष पृथ्वीराज शर्मा, सदस्य रोहित खत्री व उज्जवल सांखला ने सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए।