![The state minister otaram dewasi is not concerned about the dilapidated roads - the situation is deteriorating even before the completion of one year of the government](https://rajasthandeep.com/wp-content/uploads/2024/09/lt-780x470.jpg)
- सडक़ों की बखिया उधड़ गई और कोई धणी-धोरी नहीं
- सरकार का एक साल पूरा होने से पहले ही बिगड़ रहे हालात
सिरोही. सरकार में राज्यमंत्री का दायित्व संभाल रहे विधायक का गृह क्षेत्र कैसा होना चाहिए यह हम बखूबी समझते हैं। आमतौर पर चमचमाती सडक़ें और जनसुविधाएं तो कम से कम मयस्सर होनी ही चाहिए। लेकिन, यह सिरोही जिला मुख्यालय है, जो राज्यमंत्री का गृह क्षेत्र तो है, लेकिन स्थिति किसी पिछड़े इलाके से कम नहीं है। चौंकना लाजिमी पर हकीकत यही है। शहर में सडक़ों की बखिया उधड़ गई, लेकिन इनका कोई धणी-धोरी नजर नहीं आ रहा। एक दिन पहले ही पुराना बस स्टैंड स्थित लाखेराव तालाब पर जल महोत्सव मनाया गया। इसमें राज्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारी भी सम्मिलित हुए। ये सभी इन उखड़ी सडक़ों से ही गुजरे, लेकिन बिखरे विकास को अनदेखा कर गए।
मानों ब्लास्ट में डैमेज हो गई सडक़ें
जिस तरह कोई ब्लास्ट होने पर आसपास की जमीन व सामान के चीथड़े उड़ जाते है, ठीक उसी तरह सिरोही की कई सडक़ों की बखियां उधड़ चुकी हैं। पर, लगता है कि सिरोही की सडक़ों का कोई धणी-धोरी ही नहीं है। यदि होता तो सडक़ों का डामरीकरण करने के बाद गिनती के दिनों में ही डामर व कच्ची उखड़ नहीं जाती। यदि आपको भरोसा नहीं हो रहा हो तो आप सिरोही कस्बे का एक राउंड लेकर आ जाइए, पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी।
कुछ ही दिनों में बिखर गई प्रमुख सडक़ें
शहर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से सिरोही-शिवगंज हाईवे को जोडऩे वाली वाली सडक़, पैलेस रोड से तीन बत्ती चौराहा तक की सडक़ और राजमाता धर्मशाला से पुराना बस स्टैण्ड तक की सडक़ का बुरा हश्र हो चुका है। सडक़ बिखर कर तार-तार हो चुकी है और लोग जार-जार रोने को विवश हैं। लोगों का कहना है कि सीवरेज लाइन डालने व रसोई गैस की पाइप लाइन बिछाने के बाद तो एलएण्डटी सरीखी देश की नामी कम्पनी के कारिन्दों ने सिरोही की कई सडक़ों का डामरीकरण करवाया था, ताकि लोगों को सडक़ें चमचमाती नजर आए, लेकिन शहर की ये तीन प्रमुख सडक़े कुछ ही दिनों में बिखर गई।
कार्य धरातल पर उतरे या नहीं इसकी मॉनिटरिंग ही नहीं
सिरोही विधायक एवं राज्यमंत्री ओटाराम देवासी सरकार में खासा वजूद रखते हैं। बताया जा रहा है कि रूटीन में स्वीकृत होने वाले विकास कार्यों को भी अपने प्रयासों से स्वीकृत होना बताकर खूब वाहवाही लूट रहे हैं। लिहाजा पब्लिसिटी पूरी पर सिरोही में सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाओं की बहाली से इनको शायद कोई वास्ता नहीं है। अधिकारियों के साथ बैठकों का आयोजन कर निर्देश देने एवं जन समस्याओं के निपटारे को लेकर दिए गए वक्तव्य सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन कार्य धरातल पर उतरे या नहीं इसकी कोई मॉनिटरिंग नजर नहीं आती। यही कारण है कि शहर में बिखरी सडक़ें अब लोगों के लिए प्रमुख समस्या बन चुकी हैं। इस समस्या का निपटारा कब होगा यह कहना मुश्किल है।
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खस्ताहाल सडक़ों की न फिक्र है और न जिक्र किया
जलझुलनी एकादशी पर सिरोही के रियासतकालीन लाखेराव तालाब पर जल महोत्सव का जिलास्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी मुख्य अतिथि रहे। यहां तक आने का पूरा रास्ता ही खस्ताहाल हो चुका है। यहां तक कि तालाब के प्रवेशद्वार पर जहां वाहन खड़े रखे गए थे वहां पूरी सडक़ बिखरी हुई है। यह स्थिति इन सभी के सामने थी, लेकिन न तो इसकी फिक्र दिखी और न अपने वक्तव्य में इसका जिक्र किया। जल महोत्सव में उन्होंने तालाब, अच्छी बारिश से कुएं रिचार्ज होने की बढ़ी सम्भावना के खूब कसीदें गढ़े पर शहर की खस्ताहाल सडक़ों के बारे में कुछ नहीं कहा। कार्यक्रम में पौधे लगाए और इनके संरक्षण और परवरिश के बारे में कहा कि यह जनप्रतिनिधियों, सरकारी कारिंदों व आम लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी होने की सीख देने से भी नहीं चूके। वहीं, सिरोही की सडक़ें सुधारने की जिम्मेदारी किसकी है इसका कोई जिक्र नहीं किया।
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