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आत्मशुद्धि और पितृ शांति के साथ डिप्रेशन से मुक्ति का दिन

  • मौनी अमावस्या का स्नान नकारात्मकता हटाने के लिए रामबाण
  • मौन व्रत, स्नान, दान व जप-तप का विशेष महात्म्य

सिरोही. महाकुंभ के दौरान बुधवार को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) एवं इस दिन के शाही स्नान को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। मौनी अमावस्या पर स्नान, दान व जप-तप का महात्म्य तो है ही इसका भारतीय संस्कृति में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। इसे आत्मशुद्धि और पितृ शांति का दिन माना जाता है। वहीं, डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए भी इस दिन का स्नान रामबाण माना गया है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत, स्नान, दान व जप और तप का विशेष महात्म्य है। किसी पवित्र नदी, सरोवर या किसी तीर्थस्थल पर स्नान करना इस दिन को और पवित्र बना देता है। यह दिन पितृ तर्पण और शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

ईशा ज्योतिष संस्था के संस्थापक ज्योतिष विजय रावल (vijay Rawal) ने बताया कि मौनी अमावस्या डिप्रेशन से जूझ रहे मरीजों के लिए रामबाण औषधि साबित हो सकती है। इस दिन पवित्र जल में स्नान करने से चंद्रमा के शांत प्रभाव के कारण मानसिक तनाव कम होता है। यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर नई और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है।

इसलिए इस दिन का विशेष महात्म्य
महाकुंभ के कारण इस वर्ष मौनी अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है। कुंभ में त्रिवेणी संगम में स्नान का विशेष महात्म्य है। महाकुंभ के इस अद्वितीय अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। त्रिवेणी को सूर्य, चंद्र और तीन पवित्र नदियों का संगम माना जाता है। मौनी अमावस्या और महाकुंभ का यह संयोग इसे ऐतिहासिक बना रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन त्रिवेणी में स्नान से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मानसिक और आध्यात्मिक शांति
मौनी अमावस्या धार्मिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस दिन किए गए दान, जप, तप और यज्ञ से मन को शांति मिलती है। ज्योतिष विजय रावल का मानना है कि इस दिन का सही उपयोग करने से मानसिक और आत्मिक लाभ मिल सकता है। चंद्रमा को शांति और ठंडक का प्रतीक माना जाता है। इस दिन इसका प्रभाव अधिक होता है। डिप्रेशन के मरीजों को विशेष रूप से इस दिन स्नान करने की सलाह दी जाती है। इससे नकारात्मक विचार और ऊर्जा समाप्त हो जाती है।

महाकुंभ नहीं जा रहे हैं तो यह उपाय करें
ज्योतिष विजय रावल ने बताया कि यदि महाकुंभ में नहीं जा पा रहे हैं तो भी अपने नजदीकी पवित्र नदी, सरोवर या तीर्थस्थल पर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद मौन व्रत धारण करें और पितरों की शांति के लिए तर्पण करें। इस दिन दान का विशेष महत्व है इसलिए यथासंभव दान करना चाहिए। मौनी अमावस्या पर स्नान व दान के माध्यम से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

इस पर्व को अवश्य मनाना चाहिए
ज्योतिष विजय रावल ने बताया कि यह दिन आत्मचिंतन और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, जो हमारे मन और आत्मा को शुद्ध करता है। आत्मिक शांति, पितृ तर्पण और मानसिक शुद्धि के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है। महाकुंभ के दौरान इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। आप चाहे जहां भी हों, इस दिन को अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए अवश्य मनाना चाहिए। ज्योतिष सम्बन्धी अधिक जानकारी के लिए ज्योतिष विजय रावल से 9414155219 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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