- कहा, आदिवासी कल्याण के लिए भौगोलिक नहीं सांस्कृतिक आधार पर होना चाहिए क्षेत्र निर्धारण
सिरोही. विधायक संयम लोढ़ा ने आदिवासी कल्याण के लिए केंद्र के साथ प्रदेश सरकारों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सरकारी कार्य शैली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भरपूर प्रयासों के बावजूद आदिवासी वर्ग का आज उतना विकास नहीं हो पाया, जितना होना चाहिए था। गत 75 वर्षों में सरकारों की ओर से पूरे प्रयासों के बावजूद आदिवासी वर्ग उस स्थान पर नहीं पहुच पाया, जहां उन्हें होना चाहिए था। कहा कि जनजाति क्षेत्र का निर्धारण भौगोलिक क्षेत्र की स्थिति के आधार पर नहीं बल्कि सांस्कृतिक आधार पर किया जाना चाहिए, ताकि समान पृष्ठभूमि वाले आदिवासियों को समान अधिकार व लाभ मिल सके। उन्होंने नशे से दूर रहने का आह्वान किया।
इसलिए झेलनी पड़ रही असमानता
उन्होंने चिंता जताई कि एक समान पृष्ठभूमि वाले आदिवासी होने पर भी सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने के मामलों में असमानता झेलनी पड़ रही है। वे शनिवार को यहां मारवाड क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड (माडा) की ओर से आयोजित आदिवासी कन्या छात्रावास के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा की बदौलत ऊंचा मुकाम हासिल कर सकते हैं। इसलिए अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के भरसक प्रयास करें। कहा कि प्रदेश सरकार ने जन जाति वर्ग को ऊपर उठाने एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए जनजाति विकास बोर्ड (माडा) का गठन किया है।#Foundation stone of tribal girls hostel – Marwar Regional Tribal Development Board (MADA)
शबरी माता से लेकर बिरसा मुंडा व राणा पूंजा तक
विधायक ने इस दौरान आदिवासी समाज के योगदान को याद करते हुए कहा कि हमारा देश सदैव जनजाति वर्ग का ऋणी रहेगा। शबरी माता से लेकर बिरसा मुंडा व महाराणा प्रताप के सेनापति राणा पूंजा के योगदान को भी याद किया। भूला के लिलूडी बडली पर शहीद हुए आदिवासियों को याद कर कहा कि जनजाति वर्ग ने सदियों से देश सेवा में अपने प्राणों का बलिदान दिया है। लोगों की मदद करना अपना धर्म होना चाहिए। हमारा पड़ोसी यदि भूखा सो जाए तो इससे बड़ा कोई पाप नहीं, इस तरह के भाव रखते हुए कार्य करेंगे तो देश निरंतर प्रगति करता रहेगा।
आंखें तरेरने वाले पिता, जो हमारा भला चाहते हैं
समारोह के दौरान पीसीसी सदस्य निम्बाराम गरासिया ने एक तरह से चुनावी शंखनाद कर दिया। कहा कि विधायक संयम लोढ़ा सही मायने में विकास पुरुष है। जिले के कल्याण को लेकर वे प्रयासरत हैं तथा जिले में कई कार्य करवाए हैं। ये आंखें तरेरने वाले ऐसे पिता हैं, जो अपने परिवार का भला चाहते हैं। इसलिए आगामी चुनाव में वोट देने के लिए चिह्न नहीं देखे बल्कि संयम लोढ़ा को देखे।
चिर युवा और जवानी के साथ जमाना
समारोह के दौरान संचालक ने विधायक से पूछा कि आप लगातार इतना काम करते हैं थकते नहीं, तब विधायक ने हंसते हुए जवाब दिया वे चिर युवा है। वहीं, अपने उद्बोधन के दौरान भी जवानी का जिक्र करते हुए जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है वाला शेर कहा।
रूढ़ीवादी परम्पराओं को छोड़ आगे बढ़ें
समारोह के दौरान मारवाड क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड (माडा) उपाध्यक्ष श्रीमती कीर्तिसिंह भील ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं उनके सलाहकार संयम लोढ़ा के अथक प्रयासों से बिखरी हुई जन जाति को मुख्यधारा में जोडऩे के उद्देश्य से जनजाति विकास बोर्ड का गठन किया गया है। उन्होंने जनजाति वर्ग से आह्वान किया कि वे रूढ़ीवादी परम्पराओं को छोड़ते हुए अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाए तथा उन्नति के मार्ग पर बढ़ें। राज्य सरकार ने न सिर्फ जनजाति वर्ग के लिए बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के विकास को दृष्टिगत रखकर कार्य किए है। इस दौरान तलसाराम भील, प्रकाश मीणा आदि ने विचार व्यक्त किए। नगर परिषद सभापति महेन्द्र मेवाड़ा, जावाल पालिकाध्यक्ष कानाराम भील, हेमलता शर्मा, हरीश राठौड़, प्रकाश प्रजापति, पूर्व प्रधान अचलाराम माली, दशरथ नरूका समेत कई लोग मौजूद थे।
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