- बिपरजॉय बिफरा नहीं, अन्यथा चौड़े आ जाता कुप्रबंध
- तूफान के बीच अंधेरे में गुजारी दो रातों का मंजर
सिरोही. सिरोही के लिए यह अच्छा रहा कि बिपरजॉय बिफरा नहीं, अन्यथा जान-माल के नुकसान से इनकार नहीं कर सकते थे। दो दिन के अल्टीमेटम में ही प्रशासनिक व्यवस्थाओं का कुप्रबंध सामने आ गया। समूचे सिरोही शहर की बिजली दो दिन तक गुल रही। लोगों ने दो रातें अंधेरे में गुजारी। बाहर तूफान और घर के अंदर अंधेरे के बीच मच्छरों से जूझते लोग। कच्चे घरों में रहने वाले लोगों ने अंधेरे के बीच किस कदर रात गुजारी होंगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। पानी की आपूर्ति तो ठप है ही। जलदाय विभाग के पास यह अच्छा बहाना है कि बिजली नहीं होने से टंकियों में पानी नहीं भरा गया इसलिए आपूर्ति नहीं हो पाई, लेकिन बगैर बिजली-पानी लोगों ने यह तूफानी रातें व दिन किस तरह गुजारे हैं यह कोई नहीं सोच सकता। तूफान को लेकर जब पहले से ही अलर्ट था तो प्रशासनिक स्तर पर बिजली -पानी के प्रबंध भी समुचित तरीके से होने चाहिए थे।
हवा की गति कम हो या ज्यादा, फिर भी पॉवर कट
वैसे मान सकते है कि तूफान के दौरान पॉवर कट होता ही है, लेकिन हवा की गति कम होने के दौरान भी बिजली का रातभर गुल रहना व्यवस्थाओं की खामियां ही दर्शाता है। शुक्रवार रात को शहर के कई हिस्सों में बिजली गुल हो चुकी थी उस दरम्यान हवा की गति कम थी। शनिवार सुबह तीन-चार घंटे के लिए आपूर्ति बहाल हुई, लेकिन दोपहर लगभग बारह बजे बिजली गुल हो गई, जो रविवार दोपहर ही बहाल हो पाई। शहर के कुछ हिस्सों में शाम तक भी लोग बिजली की बाट जोहते रहे।
अब बिजली का बहाना पर जलापूर्ति 15 दिनों से ठप
तूफान को लेकर जलदाय विभाग के पास बिजली गुल रहने का बहाना है, लेकिन शहर के कई हिस्सों को पंद्रह दिनों से पानी नहीं मिल रहा। भीषण गर्मी के बावजूद लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन जलदाय विभाग का कंटीजेंसी प्लान ही फेल हो गया। शहर के कई हिस्सों में पखवाड़ेभर से जलापूर्ति ठप पड़ी है। लगभग पंद्रह दिनों से लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। इस बीच दो दिनों से लोग तूफान की चपेट में आ गए। बगैर पानी लोगों की स्थिति का आकलन ही किया जा सकता है।
एडवाइजरी जारी करने के अलावा क्या किया
शहर के कई हिस्सों में सीवरेज को लेकर गड्ढे खोदे गए हैं, जिनमें पानी भर चुका है। आवागमन करते हुए लोग हादसे का शिकार हो सकते हैं, लेकिन नगर परिषद ने न तो पहले इसका प्रबंध किया और न मिट्टी भरवाई। प्रशासनिक स्तर पर भी इसके लिए कोई ठोस प्रबंध नहीं करवाए गए। कुछ जगह तो सेफ्टी टैंक ही जमींदोज हो गए। लिहाजा टूटी सड़कों से गुजरना मुश्किल हो रहा है। बिपरजॉय के आगमन को लेकर मौसम विभाग ने जब अलर्ट कर रखा था और जिलास्तर पर भी प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर रखी थी तो इस तरह के मामलों को लेकर पहले से ही सावचेती क्यों नहीं बरती गई यह कहना मुश्किल है।
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