
- प्रदेश में नहीं करेंगे शराबबंदी, मंत्री ने कहा जहरीली शराब पीकर मरने से अच्छा है सरकारी सिस्टम से खरीदें
जयपुर. नए आबकारी मंत्री ने शराबबंदी करने से साफ मना कर दिया है। उन्होंने बिहार के पटना में हुई मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां जहरीली शराब पीने से जो इतनी बड़ी घटना घटी है उससे अच्छा है लोग सरकारी सिस्टम से खरीदकर शराब पी लें। यह बात मंत्री बनने के बाद पदभार ग्रहण करते हुए परसादीलाल मीणा ने शराबबंदी के एक सवाल के जवाब में कही।
उन्होंने कहा कि हम शराबबंदी नहीं करेंगे, लेकिन लोगों को जागरूक करेंगे कि लोग शराब न पीएं। इसके बाद भी अगर लोग नहीं मानते तो जहरीली शराब पीने से अच्छा है लोग सरकारी सिस्टम से शराब खरीदकर पीएं। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद जहरीली शराब पीने से कई घटनाएं हो रही हैं। गुजरात में शराबबंदी है पर बंद कहां हुई। जो जरूरी है, लोगों को दवा-दारू चाहिए। कहा कि जबरदस्ती थोड़े ही है, जिसे पीना होा वो पीए, जिसे न पीना हो वह न पीएं। कहा कि नई पॉलिसी से शराब माफिया पर अंकुश लगा है।
मिलता है करीब 12 हजार करोड़ का राजस्व
आबकारी महकमा कमाऊ पूत है। इस विभाग से राज्य सरकार को भारी राजस्व मिलता है। सरकार को हर वर्ष शराब बेचने, दुकानों के आवंटन एवं लाइसेंस से 11 से 12 हजार करोड़ रुपए तक राजस्व मिलता है। इस साल सरकार ने शराब से 12,500 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का लक्ष्य रखा है।
अध्ययन के लिए बिहार भेजा था दल
प्रदेश में शराबबंदी लागू करने को लेकर पिछले लंबे समय से कई संगठन आंदोलन कर रहे हैं। इस सम्बंध में सरकार ने एक प्रतिनिधि मंडल अध्ययन के लिए बिहार भी भेजा था।प्रतिनिधि मंडल में कुछ अधिकारियों को शामिल किया था, जो बिहार जाकर आए और सरकार को रिपोर्ट सौंपी। लेकिन, इसके बाद भी सरकार ने शराबबंदी को लेकर कोई स्टेप नहीं उठाया।