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इस अस्पताल में जहां हाथ रखो वहीं दर्द नजर आता है

  • जांच के लिए आए सांसद को एक नहीं कई कमियां दिखी
  • वार्डों के बाहर कचरा और बदबू के मारे खराब दिखे हालात

सिरोही. राजकीय मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल में पसरी अव्यवस्थाओं की जांच के लिए मंगलवार को सांसद लुम्बाराम चौधरी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दौरा किया। इस दौरान उन्हें एक-दो नहीं बल्कि कई कमियां नजर आई। सफाई के माकूल प्रबंध तो दूर अधिकतर शौचालय गंदगी से भरे नजर आए। बदहाली ऐसी कि वहां खड़े रहना भी दूभर हो गया। वार्डों के बाहर बिखरा बॉयोवेस्ट, कचरा और बदबू के मारे हालात खराब नजर आए। जायजा लेते हुए सांसद व प्रशासनिक अधिकारी इन कमियों को देखकर दंग रह गए। मरीजों को लाने-ले जाने के लिए स्ट्रेचर, व्हील चेयर की सुविधा आज भी नहीं दिखी। यहां तक कि अधिकारियों के सामने ही परिजन स्ट्रेचर लेकर मरीज को ले जाते दिखे। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेश गोयल, जिला परिषद सीईओ प्रकाशचंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

बार-बार पूछने पर भी नहीं दिखाया तो क्यों
प्रशासनिक अधिकारियों ने पूछा भी कि स्ट्रेचर व कार्मिक कितने हैं दिखाइए, तब भी कोई दिखाने को तैयार नहीं हुआ। एडीएम की ओर से बार-बार कहने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने न स्ट्रेचर व व्हील चेयर दिखाई और न इनको ढोने के लिए कार्यरत कार्मिक दिखाए। बार-बार कहे जाने के बावजूद भौतिक रूप से नहीं दिखाया जाना तो यही साबित करता है कि यह सब कागजों में ही चल रहा है और ठेकेदार को हर माह मोटा पैसा दिया जा रहा है।

गंदे हालात देख कर दंग रह गए
सांसद ने जिला अस्पताल में जायजा लेते हुए वार्डों में शौचालय देखे। ये वे वार्ड हैं, जहां ऑपरेशन के बाद मरीजों को भर्ती रहना पड़ता है, लेकिन गंदगी के कारण शौचालयों का उपयोग करना तो दूर इनके पास खड़े रहना तक मुश्किल था। ऐसे में सांसद ने एडीएम व सीईओ को पास बुलाकर हालात दिखाए। अधिकारी इसे देखकर दंग रह गए कि जिला अस्पताल की इतनी बुरी स्थिति कैसे है।

दो टूक कहना पड़ा इससे बढिय़ा तो सीएचसी
एडीएम राजेश गोयल ने यहां पीएमओ कक्ष में सांसद की मौजूदगी में ही जानकारी ली। इन स्थितियों को देखकर वे बिगड़े तथा दो टूक शब्दों में कहा कि इससे बढिय़ा व्यवस्था तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर होते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमने अन्य अस्पताल भी देखे हैं, लेकिन यहां के हालात बदतर नजर आते हैं।

कमियों को छिपाने का प्रयास करते दिखे पीएमओ
उधर, इतनी बदतर हालत के बावजूद प्रमुख चिकित्सा अधिकारी अस्पताल की कमियोंं को छिपाने का प्रयास करते नजर आए। वे सांसद और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने ही नर्सिंग अधीक्षक को कहते दिखे कि ये आज आए और इनको यह सब गंदगी व कमियां दिख गई, हमें क्यों नहीं दिखा। व्हील चेयर, स्ट्रेचर आदि के बारे में पूछे जाने पर वे जवाब के लिए नर्सिंग अधीक्षक का मुंह ताकते दिखे पर नर्सिंग अधीक्षक चुप बैठे रहे।

सफाई ठेकेदार का भुगतान रोकने के निर्देश
सांसद ने इस सम्बंध में पीएमओ को निर्देशित किया। साथ ही सफाई ठेकेदार का भुगतान रोकने के निर्देश दिए। पीएमओ से कहा कि दो दिन में सारी व्यवस्था हो जानी चाहिए। कहा कि सफाई ठेकेदार से यह सारी व्यवस्था करवाएं। उन्होंने सफाई सम्बंधी रजिस्टर भी अपने कब्जे में लिया। वहीं, एडीएम ने भी सफाई के माकूल प्रबंध करने को लेकर निर्देश दिए।

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