- आवेदन आगे नहीं भेजना सेवा में त्रुटि, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सुनाया फैसला
सिरोही. जिला उपभोक्ता आयोग ने बैंक ऑफ बड़ौदा को सेवा दोष मानते हुए परिवादी को 13.69 लाख रुपए अदा करने के आदेश दिए हैं। परिवादी ने ऋण लिया था, जिसका चुकारा हो जाने के बाद सब्सिडी मिलनी थी, लेकिन बैंक ने उसका आवेदन आगे नहीं भेजकर सेवा में त्रुटि की। इस पर सब्सिडी का भुगतान एवं परिवादी के अन्य खर्चों का भुगतान बैंक को करना होगा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार परिवादी अनुपकुमार ने डवलपमेन्ट कमिश्नर (एमएसएमई) मिनिस्ट्री ऑफ माईको स्माल एण्ड मिडियम एन्टरप्राइजेज, नई दिल्ली की सीएलसीएसएस योजना के तहत अपनी यूनिट श्रीकृष्णा मारमोक्राफ्ट प्रा.लि. के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा आबूरोड को ऋण आवेदन किया था। बैंक ने परिवादी का ऋण स्वीकृत किया, जिस पर परिवादी ने ऋण राशि किश्तों में अदा कर दी। अंतिम किश्त का भुगतान कर सीएलसीएसएस योजना के तहत सब्सिडी 11.64 लाख रुपए के लिए बैंक में आवेदन पेश किया। बैंक ऑफ बड़ौदा इसकी नोडल एजेंसी है। परिवादी का सब्सिडी आवेदन बैंक ऑफ बड़ौदा, आबूरोड की ओर से उदयपुर रिजनल ऑफिस के माध्यम से नई दिल्ली को भेजना था। परिवादी का सब्सिडी आवेदन रिजनल ऑफिस ने अग्रिम कार्यवाही के लिए भारत सरकार की एमएसएमई को प्रेषित नहीं किया। जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कि अप्रार्थी बैंक ऑफ बड़ौदा, रिजनल ऑफिस, उदयपुर ने परिवादी अनुपकुमार का सब्सिडी आवेदन भारत सरकार के नोडल एजेंसी को नहीं भेज कर सेवादोष से 11.64 लाख रुपए सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित रहा है। इस पर आयोग ने फैसला सुनाते हुए दो माह के भीतर आर्थिक क्षति 11.64 लाख रुपए, मानसिक संताप के लिए दो लाख रुपए व परिवाद खर्च के पांच रुपए अदा करने के आदेश दिए। अप्रार्थी बैंक ऑफ बड़ौदा, रिजनल ऑफिस, उदयपुर की ओर से यह राशि दो माह में अदा नहीं करने पर परिवादी कुल राशि 13.69 लाख रुपए पर 7 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी रहेगा। सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष पृथ्वीराज शर्मा, सदस्य रोहित खत्री व उज्जवल सांखला ने की। #District Consumer Disputes Redressal Commission: Debtor did not get subsidy, now Bank of Baroda will have to pay 13.69 lakhs