देसी जुगाड़ से बाहर निकला बोरवेल में फंसा बालक

- एक बार फिर काम आया मादाराम का जुगाड़
जालोर. बोरवेल में फंसे बालकों को बड़ी कुशलता से बाहर निकालने वाले मादाराम सुथार का देसी जुगाड़ एक बार फिर काम आया। जहां प्रशासन की रेस्क्यू टीम तक कई घंटों के मशक्कत के बावजूद सफल नहीं हो पाती, वहां मादाराम का यह देसी जुगाड़ कुछ ही मिनट में काम कर जाता है।
भीनमाल के समीप तवाव गांव में गुरुवार को हुए इस तरह हादसे में इस देसी जुगाड़ ने ही काम किया। करीब ढाई सौ फीट गहरे बोरवेल में 90 फीट नीचे फंसे बारह वर्षीय बालक को मादाराम सुथार ने अपनी तकनीक से सकुशल बाहर निकाल लिया। जानकारी के अनुसार तवाव निवासी बालक निंबाराम चौधरी खेत में खेल रहा था। इस दौरान बोरवेल में गिर गया। जानकारी मिलते ही बालक के पिता जोइताराम चौधरी समेत कई लोग मौके पर पहुंचे तथा बच्चे को बाहर निकालने की मशक्कत की, लेकिन सफल नहीं हो पाए।#jalore.Madaram’s jugaad came in handy once again
एक्सपर्ट की मदद से निकाला
उधर, सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। बाल को बोरवेल से निकालने के लिए प्रशासन ने देसी जुगाड़ के तकनीकी एक्सपर्ट मेडा निवासी मादाराम सुथार को जानकारी भेजी। वे तत्काल ही अपने उपकरणों के साथ मौके पहुंचे। मादाराम ने कुछ ही देर में बालक को बाहर निकाल लिया।

सावचेती से करना होता है रेस्क्यू
उल्लेखनीय है कि मादाराम सुथार इस तरह की तकनीक से पहले भी बोरवेल में गिरे बच्चों को बाहर निकाल चुके हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने स्वस्तर पर ही जुगाड़ से उपकरण तैयार किया। इस उपकरण को बोरवेल में फंसे बच्चे तक पहुंचाने एवं उपकरण की मदद से बच्चे को बाहर निकाले जाने तक की प्रक्रिया को पूरी तरह सावचेती से अंजाम देना होता है। एक तरह से जालनुमा उपकरण है, जिसमें बच्चे को फंसाया जाता है। एक बार उपकरण में फंसने के बाद बाहर निकालने का काम बोरवेल के बाहर खड़े एक्सपर्ट आराम से कर लेते हैं। उपकरण के साथ ही एक कैमरा भी रहता है, जिससे अंदर फंसे बालक की स्थिति का आकलन किया जाता है।
तीन पाइप और मास्टर रस्सी का जुगाड़
बताया जा रहा है कि मादाराम सुथार ने इस तरह का एक उपकरण तैयार है। इसमें बराबर लंबाई के तीन पाइप लिए जाते हैं। इन तीनों पाइप को बांध कर अंतिम सिरे पर एक टी नुमा आकार बनाते हैं। इस पर एक जाल बांधा जाता है। यह सभी सिस्टम एक मास्टर रस्सी से कनेक्ट रहता है। मास्टर रस्सी का कंट्रोल एक्सपर्ट के पास रहता है। इस उपकरण को सावधानी से बोरवेल में उतारा जाता है। जालनुमा उपकरण जैसे ही बालक के ऊपर से होकर गुजरता है, उस समय मास्टर रस्सी को बाहर से खींचा जाता है। इस स्थिति में बालक उस जालनुमा पाइप के बीच फंस जाता है। इसके बाद उपकरण को बाहर खींच लेते हैं। इसके साथ ही जाल में फंसा बालक भी बाहर आ जाता है।#jalore.Boy trapped in borewell came out of desi jugaad