- रड़का क्रॉस रेगुलेटर पर पानी की प्रवाह क्षमता का अध्ययन शुरू
जालोर. राजस्थान को नर्मदा का पानी मिल तो रहा है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में नहीं आ रहा। प्रवाह क्षमता में कर्मी के कारण प्रदेश को जल संकट झेलना पड़ रहा है। इस दिशा में अब काम शुरू हो चुका है। रड़का क्रॉस रेगुलेटर पर एक सर्वे शुरू किया गया है, जिससे पानी की प्रवाह क्षमता का अध्ययन किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि पानी मिलने में कहां दिक्कत आ रही है। उधर, बताया जा रहा है कि इस कार्य के साथ ही 1500 से 1600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस मात्रा को धीरे धीरे बढ़ाया जाएगा, जिससे 2400 क्यूसेक पानी चलेगा।
सर्वे व अध्ययन का जायजा लिया
श्रम एवं राजस्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई के निर्देशानुसार चितलवाना के हिंदूसिंह दूठवा व कांग्रेस के भूपेंद्र बिश्नोई ने नर्मदा अधिकारियों के साथ गुजरात के जीरो प्वाइंट रिड़का का जायजा लिया। यहां नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) इंदौर ने केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधान शाला पुणे की ओर से रड़का क्रॉस रेगुलेटर पर अवलोकन किया। साथ ही नर्मदा नहर के पानी की प्रवाह क्षमता का अध्ययन करते हुए अधिकारियों से चर्चा की।
राजस्थान के लिए राहत की बात
उधर, कांग्रेस नेता बताते हैं कि राजस्थान सरकार लगातार केंद्र सरकार, नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (Narmada Control Authority) के सामने यह बात रखती आई कि गुजरात सरकार राजस्थान को उसके हक का नर्मदा नहर परियोजना का पानी नहीं दे रही है। इस मांग पर अमल करने के लिए नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) इंदौर ने केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधानशाला पुणे (Central Water and Power Research Station – CWPRS) की एक टीम भेजी है, जिसने सर्वे व अध्ययन शुरू किया। यह राजस्थान के लिए राहत की बात है।
पता चलेगा दिक्कत कहां आ रही है
राजस्थान-गुजरात सीमा पर रड़का क्रॉस रेगुलेटर पर नर्मदा नहर के पानी की प्रवाह क्षमता का अध्ययन शुरू किया है। यह टीम 31 मार्च 2022 तक यह अध्ययन करेगी कि आखिर राजस्थान को कम पानी मिलने में क्या-क्या दिक्कतें आ रही हैं। इस दौरान राजस्थान को उसके हिस्से व क्षमता के अनुसार 1800 से 2400 क्यूसेक पानी प्रवाहित कर नहर की पूर्ण क्षमता को भी परखा जा रहा है। अभी तक राजस्थान को औसतन 1000-1200 क्यूसेक तक ही पानी मिल पा रहा है।#sanchore/jalore. Raised hope: Rajasthan will be able to get plenty of Narmada water