- ट्रैक्टर की टक्कर से संकरी गलियों में बिजली लाइन धराशायी
- कुछ दिनों के अंतराल में ही दो हादसे, शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं
सिरोही. शहर में सीवरेज का कार्य चल रहा है, लेकिन कार्य में इस कदर बेपरवाही बरती जा रही है कि लोगों की जान पर बन गई है। संकरी गलियों में कार्य के दौरान ट्रैक्टर की टक्कर से बिजली पोल धराशायी हो गए, जिससे बिजली लाइन भी नीचे गिर गई। गनीमत रही कि नीचे गिरी बिजली लाइन की चपेट में कोई नहीं आया, अन्यथा कई लोगों की जान पर बन आती। सोमवार को जहां कुम्हारवाड़ा क्षेत्र में इस तरह का हादसा हुआ, वहीं कुछ दिन पहले दक्षिणी मेघवालवास के गली नम्बर-दो में भी ऐसा हो चुका है। कार्मिकों की बेपरवाही के कारण कुछ दिनों के अंतराल में ही इस तरह के दो हादसे हो चुके हैं, लेकिन कार्यकारी एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। लोगों की जान जोखिम में डाले जाने के बावजूद न तो प्रशासनिक स्तर पर कोई एक्शन लिया जा रहा है और न किसी की सुनवाई हो रही है।
हर समय बना रहता है हादसे का जोखिम
बताया जा रहा है कि एलएंडटी के कार्मिक सीवरेज कार्य के दौरान पूरी तरह बेपरवाही बरत रहे हैं। ठोस मॉनिटरिंग नहीं होने से वाहनों का संचालन भी मनमर्जी से हो रहा है। संकरी गलियां होने के बावजूद वाहनों को फर्राटे से दौड़ाया जा रहा है। ऐसे में हर समय हादसे का जोखिम भी बना रहता है।
बिजली लाइन नीचे गिरी, स्पार्किंग हुआ
जानकारी के अनुसार कुम्हारवाड़ा क्षेत्र में सरियादेवी मंदिर के पास सीवरेज का कार्य चल रहा है। सोमवार को एलएंडटी कंपनी के अधीन कार्यरत एक ट्रैक्टर तेज गति से दौड़ता हुआ आया तथा बिजली के पोल को टकरा गया। पोल टूटकर नजदीकी मकान पर गिर गया। बिजली लाइन धराशायी हो गई। लाइन में स्पार्किंग होने से लोग घबरा गए, लेकिन गनीमत रही कि कोई इसकी चपेट में नहीं आया।
फिर भी पाबंद क्यों नहीं किया जा रहा
गत दिनों दक्षिणी मेघवालवास में भी इसी तरह से एक बिजली पोल धराशायी हो गया था। उस दौरान भी स्पार्किंग होने से लोग घबराकर घरों में घुस गए थे, जिससे जान-माल के नुकसान से बचाव हो गया। नीचे गिरी लाइन के कारण लोगों की जान सांसत में अटकी रही। समझ से परे है कि इस तरह के हादसों के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर किसी को पाबंद क्यों नहीं किया जा रहा है।
नजर नहीं आता कोई मॉनिटरिंग करने वाला
इस तरह के हादसों में किसी की भी जान जा सकती है, लेकिन बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे। संकरी गलियों में खुदाई तो चुकी है, लेकिन मरम्मत में ध्यान नहीं दिया जा रहा। जहां भी रिपेयरिंग हुई है वहां भी गुणवत्ता का अभाव ही है। आखिर मनमर्जी का कार्य करने के बावजूद कार्यकारी एजेंसी पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा। इस कार्य पर मॉनिटरिंग करने वाला भी शायद कोई नजर नहीं आ रहा।