
- माहभर में निर्माण पूर्ण नहीं करने पर जुर्माना अदायगी के आदेश
सिरोही. मकान निर्माण करने वाले ठेकेदार ने तय समय में कार्य पूरा नहीं किया। परिवादी से निर्धारित से करीब एक लाख रुपए ज्यादा राशि भी ले ली। अब अधूरे छोड़ दिए निर्माण से परिवादी को मुश्किल हो रही है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ठेकेदार को एक माह में निर्माण कार्य पूरा करने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर अधिक ली गई राशि एवं दस हजार रुपए हर्जाना अदा करने के भी आदेश दिए गए। मामले की सुनवाई आयोग अध्यक्ष मलारखान मंगलिया, सदस्य रोहित खत्री व उज्जवल सांखला ने की।#sirohi.District_Consumer_Disputes_Redressal_Commission
संविदा के अनुसार कार्य में की चूक
अभियोजन पक्ष के अनुसार परिवादी अजीतसिंह ने आवासीय भूखण्ड पर मकान निर्माण कार्य का ठेका दिया था। माल मेटेरियल व मजदूरी सहित 19 लाख 50 हजार रुपए में अप्रार्थी ठेकेदार अनिलसिंह व राजेन्द्रसिंह को दिया गया। इसका परिवादी व अप्रार्थी अनिलसिंह के बीच इकरारनामा निष्पादित करवाया गया था। कार्य एक वर्ष में पूर्ण करने की समयावधि तय हुई थी। अप्रार्थी की ओर से परिवादी के मकान निर्माण का कार्य मार्च 2018 में प्रारंभ किए जाने के बाद से ही संविदा के अनुसार कार्य में चूक की गई तथा प्रत्येक कार्य अधूरे छोड़ दिए। परिवादी ने अप्रार्थी के कहे अनुसार रुपए भी दिए पर कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ।
पुलिस ने भी जांच में पुष्टि की
परिवादी के अपने आवासीय भूखण्ड पर मकान निर्माण कार्य के लिए अप्रार्थी को तय राशि 19 लाख 50 हजार रुपए से अधिक राशि एक लाख 07 हजार 434 रुपए अदा किए गए। इसके बाद भी निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया। मामले में पुलिस ने भी जांच की तथा परिवादी के तथ्यों की पुष्टि की गई। इसके बाद पुलिस ने एक माह में कार्य पूर्ण करने की मोहलत अप्रार्थी को दी। परिवादी की ओर से अधिवक्ता पुष्पेन्द्र चौधरी ने पैरवी की।
आयोग ने जुर्माना अदायगी के आदेश दिए
मामले में सुनवाई करते हुए आयोग ने माना कि परिवादी अजीतसिंह ने अप्रार्थी अनिलसिंह को अपने मकान निर्माण कार्य का ठेका दिया था। अप्रार्थी ने तय राशि से अधिक राशि एक लाख सात हजार 434 रुपए लेकर भी कार्य पूर्ण नहीं किया। मकान निर्माण कार्य तय समयावधि में पूरा नहीं करने को घोर लापरवाही माना है। साथ ही तय से अधिक राशि लेकर कार्य पूर्ण नहीं करना सेवा दोष की श्रेणी में आता है। अप्रार्थी को आदेश जारी किए कि वह परिवादी को एक माह में अधूरे मकान निर्माण कार्य को पूर्ण करें अन्यथा अप्रार्थी की ओर से परिवादी से तय राशि से अधिक लिए गए एक लाख सात हजार 434 रुपए अदा किए जाएं। साथ ही परिवादी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक हर्जाना 10 हजार रुपए व परिवाद व्यय 5 हजार रुपए भी अदा करने के आदेश दिए गए।