जालोर का स्कूल क्लर्क जयपुर में बना फर्जी कैंडीडेट, बोली से पकड़ा गया
चितलवाना निवासी क्लर्क दौसा के युवक की जगह दे रहा था परीक्षा, दे चुका है रीट व पटवारी के लिए फर्जी
जयपुर. जालोर में चितलवाना निवासी स्कूल का कलर्क जयपुर में पटवारी की परीक्षा देते हुए पकड़ा गया। जांच के दौरान संदेह होने पर उसे पकड़ लिया गया। वह दौसा निवासी युवक के बदले में परीक्षा दे रहा था। पूछताछ के दौरान बोली की टोन को देखते हुए संदेह गहराया। आरोपी क्लर्क एक दिन पहले पटवारी की व इससे पहले रीट की परीक्षा भी डमी कैंडीडेट बन कर दे चुका है।
डीसीपी हरेंद्र महावर ने बताया कि चितलवाना (जालोर) निवासी सुनील गोदारा पुत्र जालाराम बिश्नोई व ओमप्रकाश पुत्र जालाराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया है। सूचना थी कि दो दिन चलने वाली पटवारी भर्ती में जालोर से फर्जी कैंडीडेट बनकर जयपुर में परीक्षा देने आए हैं। पुलिस लोकेशन के हिसाब से कुमावत क्षत्रिय सीनियर सैकेंडरी स्कूल के पास पहुंची। वहां पुलिस टीम आरोपियों की तलाश कर रही थी। कुमावत स्कूल के कमरा नंबर 6 में रोल नंबर 3252074 पर परीक्षा देने आए युवक से संदेह के आधार पर पूछताछ की गई। जांच में टीम ने देखा कि प्रवेश पत्र व आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में लगे फोटो बिल्कुल अलग थे। मुख्य अभ्यर्थी महुआ (दौसा) निवासी भूपेंद्र कुमार मीणा पुत्र बाबूलाल मीणा के स्थान पर डमी कैंडीडेट बनकर सुनील गोदारा आया था। पुलिस ने सुनील गोदारा को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके भाई ओमप्रकाश के जरिए डील हुई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
स्कूल का पीटीआई करता है डील
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी सुनील स्कूल में एलडीसी के पद पर है। जांच में सामने आया कि इस प्रकरण का मास्टरमाइंड चितलवाना का रामलाल पुत्र जगमाला बिश्नोई है। इनके पास से पुलिस को आधार कार्ड व काफी फर्जी कार्ड मिले है। जिनमें नाम-पते किसी ओर के हैं। जबकि वह खुद आदमी अलग है। रामलाल चितलवाना स्कूल में शारीरिक शिक्षक है। युवकों को लालच देकर दूसरे की जगह परीक्षा देने भेजता है। रामलाल बिश्नोई की तलाश कर रही है।
लगातार देने वाला था परीक्षा
सुनील बिश्नोई 24 अक्टूबर को पहली परीक्षा में भाई ओमप्रकाश के स्थान पर परीक्षा देने वाला था। इसके बाद वह श्रवण कुमार के लिए परीक्षा देने वाला था। जांच में पता लगा कि सुनील बिश्नोई रीट की परीक्षा में 26 सितम्बर को सांगानेर में अरविंद कुमार के स्थान पर फर्जी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने आया था। सुनील के भाई ओमप्रकाश का पेपर रीट लेवल दो की परीक्षा महारानी कॉलेज जयपुर में किसी अन्य युवक ने आकर दी थी।