एनआरएचएम में कार्यरत है एईएन, अकाउंटेंट व कंप्यूटर ऑपरेटर भी है आरोपी
जालोर. स्वास्थ्य विभाग के एनआरएचएम रिंग में कार्यरत एईएन को एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई जोधपुर से आई एसीबी की स्पेशल विंग ने की। एईएन ने ठेकेदार से भीनमाल में रिश्वत ली। जालोर जिले के पांथेडी गांव में अस्पताल भवन में क्वार्टर निर्माण के बाद विभाग में ठेकेदार की धरोहर राशि जमा थी। जिसे लौटने की एवज में वह रिश्वत ले रहा था।
भनक लगते ही भाग गया अकाउंटेंट
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो स्पेशल यूनिट जोधपुर की टीम ने भीनमाल में सोमवार को कार्रवाई कर स्वास्थ्य विभाग जालोर में संविदा पर कार्यरत सहायक अभियंता को धरोहर राशि लौटाने के एवज में 15 हजार स्वयं व 5 हजार एकांउटेंट के लिए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। कार्रवाई के दौरान भनक लगते ही एकांउटेंट भागने में सफल रहा। वही पूछताछ के लिए संविदाकर्मी कम्प्यूटर ऑपरेटर को दस्तयाब किया गया।
धरोहर राशि जारी करने के लिए रिश्वत
स्पेशल यूनिट जोधपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित ने बताया कि कुशलापुरा निवासी ठेकेदार राजूसिंह राजपूत ने एसीबी कार्यालय जोधपुर में परिवाद पेश कर बताया था कि उसने वर्ष 2015 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जालोर के कार्यादेश पर पांथेडी गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में आवासीय क्वाटर का निर्माण किया था। जिसका टेंडर 85 लाख रुपए था। वर्ष 2017 में कार्य पूर्ण होने के बाद भुगतान प्राप्त किया गया। दस प्रतिशत धरोहर राशि के रूप में साढ़े आठ लाख रुपए विभाग में जमा करवाए थे। उस धरोहर राशि जारी करने के एवज में रिश्वत मांगी गई।
रिश्वत लेने भीनमाल पहुंचे
वैष्णव नगर बिडला स्कूल के पास जोधपुर निवासी सहायक अभिंयता सुनील माथुर पुत्र अमृतलाल माथुर उसके व एकाउंटेंट के लिए कुल 20 हजार की मांग कर रहा है। परिवाद पर एसीबी जोधपुर के डीआईजी कैलाशचंद्र विश्नोई के सुपरविजन में रिश्वत राशि मांगने का सत्यापन करवाया गया। जिसके बाद सोमवार को योजनाबद्ध तरीके से टीम ने ट्रेप किया। इसके बाद सहायक अभियंता सुनील माथुर, एकाउंटेंट स्वास्थ्य विभाग जालोर में कार्यरत कुंदन पुत्र लासीराम सुथार व संविदा पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रकाश गहलोत रिश्वत राशि लेने के लिए भीनमाल पहुंचे।
इस तरह किया एईएन को ट्रेप
यहां कॉर्प होटल के बाहर परिवादी राजूसिंह ने सहायक अभिंयता सुनील माथुर को बीस हजार रुपए थमाएं। ईशारा पाकर टीम ने तत्काल कारवाई करते हुए सहायक अभिंयता को रंगे हाथों दबोच लिया। जबकि एकाउंटेंट कुंदन सुथार गली में भागने में सफल रहा। इस दौरान टीम ने मौके पर मौजूद कम्प्यूटर ऑपरेटर को भी हिरासत में लिया।