ठेके पर नहीं अन्यत्र जा रही शराब और आबकारी में कार्रवाई शून्य
- ठेकों के नाम पर निकल रही शराब, तस्कर पहुंचा रहे गुजरात
- आबकारी की चुप्पी में शराब तस्करों की पौ बारह
सिरोही. लाइसेंसी दुकान के नाम पर बिल बनाकर माल बाहर निकालने एवं तस्करी के जरिए गुजरात ले जाने का सिलसिला लगातार बना हुआ है, लेकिन आबकारी महकमा मौन है। महकमे के जिम्मेदार मौन क्यूं है यह तो पता नहीं, लेकिन इनकी चुप्पी में शराब तस्करों की पौ बारह हो रही है। हाल ही में सरूपगंज थाना पुलिस के हाथ लगे वाहन चालक ने जिस तरह का खुलासा किया है उससे लगता है कि तस्कर बेखौफ हैं। ठेकों के नाम पर बाहर निकल रही शराब कहां जा रही है इस पर आबकारी को कोई सरोकार नहीं है। होता तो इस तरह के मामलों में कार्रवाई भी जरूर की जाती, लेकिन हाथ लगने वाले मामलों में भी केवल रूट वॉयलेंस जैसे प्रकरण बनाकर इतिश्री की जा रही है।Rajexcise
आखिर चुप क्यों है जिला आबकारी अधिकारी
उधर, जिला आबकारी अधिकारी योगेश श्रीवास्तव इस मामले में बात करने से भी कतरा रहे हैं। वे न तो फोन रिसीव कर रहे हैं और न चुप्पी तोड़ रहे हैं। सरकारी गोदाम से शराब निकलने एवं पुलिस के हाथ लगने का मामला हो या अनादरा में पकड़े माल को रूट वॉयलेंस मानने का प्रकरण, आबकारी अधिकारी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ रहे। इन मामलों में उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं मामले
सरकारी गोदाम से निकला माल सरूपपगंज थाना पुलिस पकड़ चुकी है। वहीं, अनादरा व रेवदर में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि अनादरा में पकड़े गए मामले को पुलिस ने आबकारी के ही सुपुर्द कर दिया था, जिसे रूट वॉयलेंस का प्रकरण मानते हुए रफा-दफा कर दिया गया।
तस्करों को शह दे रहा आबकारी का शिथिल रवैया
शराब तस्करी के मामले अक्सर पुलिस के हाथ लगते हैं, लेकिन आबकारी इस तरह की कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रही है। कहने को आबकारी के पास पुलिस की तरह ही पूरा जाब्ता भी है, लेकिन तस्करी के बड़े मामले पकडऩे के आंकड़े नगण्य ही है। ऐसा क्यों है यह तो पता नहीं, लेकिन आबकारी के शिथिल रवैये से तस्करों को शह जरूर मिल रही है।#sirohi.Liquor is coming out in the name of contracts, smugglers are supply to Gujarat