- स्थानीय तस्करों की धरपकड़ से कतरा रहा आबकारी महकमा
- ठेकों से तस्करी रोकने में ही दिलचस्पी नहीं ले रहे अधिकारी
सिरोही . आबकारी महकमे ने बेहतरीन मुखबीर तंत्र इजाद किया है। इसे दूर की चीजें तो दिख जाती है पर नाक के नीचे दिखना मुश्किल है। जी हां, आबकारी महकमे की माने तो कुछ दिन पहले हरियाणा से गुजरात जा रही शराब भरी कार पकडऩे में मुखबीर तंत्र की काफी सक्रियता दिखी, लेकिन स्थानीय स्तर पर चल रहे तस्करी के कारनामों पर इनकी नजर नहीं है या शायद नजरे इनायत कर रखी है। चाहे जो हो, लेकिन मंडार-रेवदर क्षेत्र से गुजरात के लिए तस्करी हो रही शराब को पकडऩे की दिशा में आबकारी महकमा कोई खास कार्रवाई नहीं कर रहा। यहां तक कि मैथीपुरा जैसे गांवों के ठेकों से पार हो रही शराब रोकने में भी अधिकारी कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे। इस सम्बंध में आबकारी अधिकारी बात करने से ही कतरा रहे हैं।
कभी-कभार की कार्रवाई में वाहवाही लूट रहे
कभी-कभार की कार्रवाई में ही अधिकारी वाहवाही लूट रहे हैं। हाल ही में रेवदर के समीप मोरवाड़ा में शराब भरी कार पकड़ी गई थी। कार्रवाई जिले के दो निरीक्षक व एक प्रहराधिकारी को दर्शाया गया और फोटो सेशन में जिला आबकारी खुद पहुंच गए। वाहवाही इस कदर लूटी गई कि बकायदा प्रेसनोट में दर्शाया गया। इसमें बताया था कि आबकारी के वाहन को टक्कर मारकर कार भागने का प्रयास कर रही थी पर घेरकर दबोच लिया गया। यह दीगर बात है कि कार को खरोंच तक नहीं आई।
दूर की सूचनाएं लाता है मुखबीर खास
वैसे हरियाणा से शराब लेकर आई कार पकडऩे में आबकारी महकमे को मुखबीर खास से गुप्त सूचना मिली थी, लेकिन यहां आए दिन हो रही तस्करी के मामले में खास तो क्या कोई सामान्य मुखबीर की सूचना भी इनके पास नहीं पहुंच रही। सूचनाएं शायद इनके तंत्र तक नहीं पहुंच रही अन्यथा कोई न कोई कार्रवाई भी जरूर देखने को मिल जाती। लगता है आबकारी का मुखबीर खास दूर की सूचनाएं ही पकड़ता है।
ठेकों की आड़ में हो रही शराब तस्करी
मंडार के समीप मैथीपुरा क्षेत्र में तस्करों की लम्बे समय से सक्रियता है। कमोबेश यही हाल आसपास के अन्य शराब ठेकों का भी है। पादर, भटाणा, मंडार समेत सीमा से सटे अन्य गांवों के ठेकों से भारी मात्रा में शराब तस्करी हो रही है, लेकिन महकमा इस ओर से मूकदर्शक बना हुआ है। बताया जा रहा है कि ठेकों की आड़ में शराब डम्पिंग की जा रही है। यहां से छोटे वाहनों के जरिए यह माल सीधा गुजरात पहुंच रहा है। महज कुछ किमी के बाद ही गुजरात में प्रवेश के कारण तस्करों को यह क्षेत्र रास आ रहा है। लेकिन, आबकारी महकमा इसे नजरंदाज कर रहा है।



