
- अपने पार्षदों को ही संभालने में नाकाम नजर आ रही भाजपा
- पार्टी की जिलास्तर पर साफ दिख रही ढिलाई में ढह गया किला
- खरी-खरी
सिरोही. जिलास्तर पर भाजपा एकदम ढीली-ढाली नजर आ रही है। शायद यही कारण है कि जिन आठ पार्षदों को जिलाध्यक्ष ने नोटिस देकर तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे वे तीन माह में भी कोई नतीजा नहीं दे सके। पार्टी स्तर पर ढिलाई इतनी कि तीन माह का समय गुजरने के साथ ही इन पार्षदों ने मिलकर भाजपा के कब्जे वाली पालिका का किला ढहा दिया। अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले पार्षदों को नोटिस थमने के बाद शायद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा तीन माह बाद सीट गंवानी पड़ी। अब पार्टी जिलाध्यक्ष वापस इन पार्षदों को ही नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांग रहे हैं। अब इतना जरूर किया है कि इन पार्षदों को नोटिस के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया है।#bjp_sirohi
अपने घर में ध्यान नहीं रख पाए
पिण्डवाड़ा नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की मशक्कत काम नहीं आई। जिस सीट पर भाजपा काबिज थी उसे गिराने में भाजपा के पार्षदों की भूमिका अहम रही। हालांकि राजनीतिक उठापठक में यह आम बात है, लेकिन भाजपा अपने घर में ही न तो ध्यान रख पाई और न सीट बचाए रखने में कामयाब हो पाए।#Sirohi- for the post of President in Pindwara Municipality
… तो शायद नौबत यहां तक नहीं पहुंचती
पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा के जिन पार्षदों ने हस्ताक्षर किए थे उनको अगस्त माह में ही नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन तीन माह तक भी कोई नतीजा नहीं निकला। इसमें यह भी स्पष्ट किया था कि तीन दिन में जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। समय पर कार्रवाई हो जाती तो शायद नौबत यहां तक नहीं पहुंचती।
आठ पार्षद छह साल के लिए निष्कासित
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी चिराग रावल ने बताया कि जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने पिंडवाड़ा के आठ पार्षदों को पालिकाध्यक्ष चुनाव में पार्टी के खिलाफ मतदान करने पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया है। इसमें हिरी देवी, नीलम बोराणा, रतन जैन, देवीबाई, पूर्णिमाकुमारी, नीरूबेन, बिंदियादेवी, जगदीशकुमार हीरागर शामिल है।
भरोसा कायम नहीं रख पाए भरोसेमंद
यह भी दिलचस्प रहा कि पिण्डवाड़ा पालिका में भाजपा के पदाधिकारी भी विश्वास कायम नहीं रखवा पाए। जिलाध्यक्ष शायद इनके भरोसे काम चलाना चाह रहे थे पर उनके ये भरोसेमंद भाजपा का किला बचाने में सहायता नहीं कर पाए। इन पदाधिकारियों को भी भाजपा जिलाध्यक्ष ने निलम्बित किया है। साथ ही सात दिन में अपना पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया गया है। इनमें से अधिकतर इन भाजपा पार्षदों के रिश्तेदार ही है। निलम्बित पदाधिकारियों में मंडल उपाध्यक्ष रणछोड़ रावल, मंत्री प्रदीप भांड, सदस्य कूपाराम हीरागर, दलपतसिंह परमार, युवा मोर्चा से जुड़े सुरेश बोराणा शामिल है।
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