
- पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत के वक्तव्य से तो यही लगता है
सिरोही. कांग्रेस के अध्यक्ष भले ही मल्लिकार्जुन खरगे हो, लेकिन आदेश-निर्देश अब भी राहुल गांधी के चलते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत के वक्तव्य से तो यही लगता है। वे अम्बेडक़र सम्मान मार्च कार्यक्रम के लिए यहां आए थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत की। उनसे कार्यक्रम के बारे में जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हमारे नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग रखी है। हम सब तमाम जिला कांग्रेस कमेटियों को यह निर्देश दिए हैं कि हम लोग अपने-अपने जिलों में जाकर अम्बेडक़र सम्मान मार्च निकालकर जिले की जनता को कांग्रेस पार्टी का संदेश पहुंचाए, पूरे जिलों में प्रेस कांफ्रेंस की जाए एवं गृह मंत्री से इस्तीफा मांगा जाएं।
‘उपचुनाव अलग है इसे जनता का मैंडेट नहीं समझा जाएगा’
वैभव गहलोत ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार कोई काम करके नहीं दिखा पाई। इसलिए युवा, महिला आदि सभी वर्ग दुखी है। सरकार कोई परफोर्मेंस नहीं दिखा पाई। इस पर उनसे पूछा गया कि हाल ही में हुए उपचुनाव में प्रदेश में सात में से पांच सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की और तीन पर तो कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। तब जवाब मिला कि चुनाव का फैक्टर अलग है, उप चुनाव में अक्सर सत्ता पक्ष को ही फायदा मिलता है। यह कोई बड़ी बात नहीं है इसे जनता का मंैडेट नहीं समझा जाएगा।
फीका सा दिखा जिलास्तरीय कार्यक्रम
कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम फीका सा रहा। एक तरह से यूं भी कह सकते है कि आलाकमान से आए निर्देशों की पालना में औपचारिकता निभाई गई। जिलास्तरीय कार्यक्रम में जिस तरह से कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की संख्या होनी चाहिए थी वह नजर नहीं आई।
प्रदेशस्तरीय नेताओं का आगमन और निभाई औपचारिकता
अम्बेडक़र सम्मान मार्च के साथ ही पत्रकार वार्ता का कार्यक्रम भी तयशुदा था, लेकिन जिले के कई पत्रकारों को इस कार्यक्रम की सूचना तक नहीं दी गई। अब इसे जिलाध्यक्ष की कमजोर पकड़ कहे या औपचारिकता निभाने की बात, यह कहना मुश्किल है। जिले में तीन में से एक विधायक कांग्रेस से हैं और जिलाध्यक्ष भी उनके गृह क्षेत्र से ही आते हैं। कार्यक्रम में प्रदेशस्तरीय नेता संगीता बेनीवाल, पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र व आरसीए के पूर्व अध्यक्ष वैभव गहलोत आदि का आतिथ्य रहा। इसके बावजूद जिलास्तरीय कार्यक्रम की औपचारिकता समझ से परे है।
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