दस लाख की डील कर तस्कर को फरार कराने वाली थानाधिकारी समेत चार जने बर्खास्त
- राज्य सेवा से बर्खास्त ये पुलिसकर्मी थे थानाधिकारी के सहयोगी
- डोडा-पोस्त बरामदगी में झूठी कहानी रचते हुए तस्करों को कराया था फरार
सिरोही. डोडा-पोस्त बरामद कर तस्करों को फरार करवाने वाली महिला थानाधिकारी को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। मामले में लिप्त अन्य तीन पुलिसकर्मियों को भी राज्यसेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। थानाधिकारी ने दस दिन पहले डोडा-पोस्त पकडऩे के मामले में तस्करों को दस लाख की डील कर फरार करवाया था। प्रारंभिक जांच के दौरान ही इन कार्मिकों को निलम्बित कर दिया था।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्रसिंह ने बताया कि गत 15 नवम्बर को बरलूट थानाधिकारी सीमा जाखड ने नाकाबंदी के दौरान वाहन में भरे डोडा-पोस्त जब्त किए थे। इस सम्बंध में गोपनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर सामने आया कि एनडीपीएस एक्ट की इस कार्रवाई के दौरान मौके से जब्त वाहन से फरार हुए आरोपी पुलिस की मिलीभगत से भागे हैं। इसमें थानाधिकारी सीमा जाखड़ एवं थाने में पदस्थापित कांस्टेबल ओमप्रकाश, सुरेशकुमार व हनुमानराम पर आरोपियों की फरारी में मिलीभगत के आरोप लगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रथमदृष्टया इन पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया। साथ ही सिरोही पुलिस उप अधीक्षक मदनसिंह को जांच सौंपी गई। ज्ञातव्य है कि बरलूट थानाधिकारी ने इस कार्रवाई के दौरान कार में भरा डोडा-पोस्त बरामद किया तथा झूठी कहानी रचते हुए तस्कर को फरार करने में मदद की। मामले में दस लाख रुपए की डील होना भी सामने आया।
स्वीकार्य नहीं है ऐसा आपराधिक आचरण
आदेश में बताया कि इस प्रकार का आपराधिक आचरण पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होने से इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की गई है। आदेश के तहत उप निरीक्षक सीमा जाखड़ को जोधपुर रेंज महानिरीक्षक एवं अन्य आरोपी पुलिसकर्मी ओमप्रकाश, सुरेशकुमार व हनुमानराम को जिला पुलिस अधीक्षक ने जनहित में राज्य सेवा से बर्खास्त कर दिया। इससे पुलिस विभाग में आपराधिक छवि रखने वाले कर्मियों को सख्त संदेश देने का प्रयास किया गया है।
इसलिए गरिमा के विरुद्ध है आचरण
आदेश में यह भी बताया है कि पुलिस विभाग में थानाधिकारी के जिम्मेदार पद पर पदस्थापित होकर इन आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए अवैध मादक पदार्थों की जब्ती के दौरान पदीय अधिकारों का दुरूपयोग कर जानबुझकर विधि विरुद्ध कृत्य किया है। आपराधिक तत्वों व मादक पदार्थ तस्करों को कानूनी कार्रवाई से बचाने का प्रयास किया गया है। आरोपी कार्मिकों की ओर से किया गया यह कृत्य एक गंभीर नैतिक पतन के साथ-साथ समाज के विरुद्ध अपराध भी है, जो उप निरीक्षक सीमा जाखड़ एवं अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों की पुलिस विभाग के प्रति सत्यनिष्ठा नहीं होना साबित करता है। इसलिए ऐसे कर्मियों को राज्य सेवा में रखना सरकार तथा पुलिस विभाग की गरिमा के विरुद्ध है।
दंडित नहीं किया तो हौसलें बुलंद होंगे
आदेश में बताया गया है कि आरोपी कर्मियों को ऐसे आचरण के बाद यदि दण्डित नहीं किया जाता है तो पुलिस विभाग में आपराधिक छवि वाले एवं अनुशासनहीन व गैर जिम्मेदाराना लोगों के हौसलें बुलंद होंगे व राज्यकार्य के प्रति विश्वसनीयता खत्म होगी। आरोपी कर्मियों के उक्त आचरण एवं कृत्य को देखते हुए पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में और अधिक समय तक सेवा में रखना अन्य पुलिसकर्मियों के समक्ष गलत उदाहरण प्रस्तुत करने जैसा है। इस प्रकार का आपराधिक आचरण पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होने से उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की गई है।#Four people including the police officer, who made the smuggler absconding by making a deal of ten lakhs, sacked