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कारागार में क्षमता से ज्यादा बंदी, उपचार के लिए चिकित्सक तक नहीं

अधिकारियों के निरीक्षण में सामने आई समस्या, दिए निर्देश

सिरोही. जिला कारागार में क्षमता से ज्यादा बंदी निरुद्ध हैं। वहीं, चिकित्सकीय सुविधा के नाम पर केवल नर्सिंगकर्मी ही है। ऐसे में बंदियों को भारी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव डॉ. सूर्यप्रकाश पारीक ने जिला कारागृह का औचक निरीक्षण तो बंदियों की यह समस्या सामने आई।

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उन्होंने कारागृह के कैमरे, कंप्यूटर कक्ष, सभी बैरक, भोजनशाला, डिस्पेंसरी आदि का निरीक्षण किया। विचाराधीन बंदियों से उनके रहने, खाने-पीने, दैनिक आवश्यकताओं से संबंधित व्यवस्थाओं के विषय में, लंबित व विचाराधीन प्रकरणों के संबंध में तथा अन्य समस्याओं की जानकारी ली। जेल प्रशासन ने बताया कि 205 की बंदी क्षमता के विरुद्ध जेल में 310 से 320 बंदी आम दिनों में निरुद्ध रहते हंै। आज भी 310 बंदी कारागृह में निरुद्ध पाए गए। क्षमता से अधिक बंदियो की समस्या के समाधान के लिए सचिव ने उच्च स्तर पर पत्राचार करने एवं समस्या के निदान का भरोसा दिया। जेल प्रशासन ने बताया कि पूर्व में नियुक्त पूर्णकालिक डॉक्टर का तबादला हो जाने से जेल पर मात्र मेल नर्स-द्वितीय की ही सेवाएं उपलब्ध है। इस पर तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए गए। बंदियों को न्यायालयों में उनकी पेशी पर नियमित उपस्थित रखने के लिए गार्ड की अल्पता जाहिर करने पर समस्या को तत्काल पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाया गया। सचिव ने जेल प्रशासन को बंदियों के अधिवक्ता नहीं होने की स्थिति में विधिक सहायता आवेदन पत्र, जमानत पत्र अन्य आवश्यकताओं के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पत्राचार को लेकर सुझाव दिया गया। उधर, एक बंदी की ओर से जेल में रहते हुए बनाए गए लकड़ी के सजावटी सामान का अवलोकन किया गया। वहीं, वन स्टॉप सखी सेंटर का भी औचक निरीक्षण किया गया।

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