- सोच सकते है कि जब कार्यस्थल पर ही नहीं रहते तो शहर की व्यवस्थाओं में सुधार कैसे लाएंगे
- उपखंड अधिकारी ने दिया नोटिस एवं एक दिन का वेतन काटने के निर्देश
सिरोही. कार्मिक जब अपने कार्यस्थल पर ही नहीं रहते तो शहर की व्यवस्थाओं में सुधार कैसे आएगा। नगर परिषद में कार्यरत कार्मिक कार्यालय समय में ही नदारद रहते हैं। उपखंड अधिकारी रमेशचंद्र बहेडिय़ा ने बुधवार को नगर परिषद का जायजा लिया तो ऐसा ही नजर आया। आकस्मिक निरीक्षण के दौरान एक-दो नहीं बल्कि बारह कार्मिक गैर हाजिर मिले। हालांकि इन सभी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है, लेकिन इस तरह का माहौल शहर की व्यवस्थाएं बिगाडऩे के लिए काफी है।
उपखंड अधिकारी रमेशचंद्र बहेडिय़ा के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान नगर परिषद के 12 कार्मिक अनुपस्थित पाए गए। इन कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो दिवस में स्पष्टीकरण पेश करने के लिए निर्देशित किया गया है। जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाए जाने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण के दौरान संविदा कार्मिकों की अनुपस्थित के मामले में एक दिन की वेतन कटौती के आदेश नगर परिषद आयुक्त को दिए गए। उपखंड अधिकारी ने नगर परिषद में विभिन्न शाखाओं का अवलोकन कर कार्य व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारी को निर्देश दिए कि नगरपरिषद क्षेत्र के 36 पात्र पेंशनरों की पेंशन स्वीकृत की जाएं तथा संबंधित पेंशनर को पीपीओ आदेश तामिल करना सुनिश्चित करें।
प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए
उपखंड अधिकारी ने कार्यवाहक आयुक्त महेंद्रसिंह चौधरी को कार्यालय में प्रभावी ढंग से मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। कहा कि समस्त स्टाफ कार्यालय में निर्धारित समय में उपस्थित रहें। कार्यालय परिसर का भ्रमण कर साफ. सफाई के विशेष निर्देश दिए।
आखिर क्यों साध रखी है चुप्पी
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद के कार्मिक कार्यालय से नदारद रहते हैं, लेकिन शहर में भ्रमण नहीं कर रहे। यही कारण है कि नगर परिषद के नजदीक चल रहे निर्माण कार्यों पर भी निगरानी नहीं हो रही। सड़क पर ही निर्माण सामग्री रखी जा रही है, जिससे आवागमन भी बाधित हो रहा है। शहर में सफाई, सड़कों की स्थिति एवं ऐसे ही अन्य मामलों में लोग मुसीबत झेल रहे हैं, लेकिन कार्मिकों की नजरंदाजी के बावजूद नगर परिषद के अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं। आखिर क्या कारण है कि एक साथ इतने कार्मिकों के गैर हाजिर रहने के बावजूद कार्यवाहक आयुक्त प्रभावी तरीके से कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।