बगैर आधार खारिज किया क्लेम, अब देने पड़ेंगे 13.30 लाख

- यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को देना होगा क्लेम व क्षतिपूर्ति राशि भी
- स्थाई लोक अदालत ने पारित किया आदेश
सिरोही. बीमा कंपनी से बीमित वाहन क्षतिग्रस्त होने के बाद बिना किसी आधार क्लेम खारिज कर दिया गया। मामला स्थाई लोक अदालत तक पहुंचा तब परिवादी को न्याय मिला। बीमा कंपनी ने वाहन को क्षतिग्रस्त होना तो माना, लेकिन मुख्य आपत्ति वाहन चालक के पास नोन ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस था। इस कारण क्लेम नियमानुसार खारिज किया बताया गया। मामला अदालत तक पहुंचा तो तथ्यों के आधार पर सामने आया कि बीमा कंपनी ने बिना किसी आधार इस क्लेम को खारिज किया है। इस पर अदालत ने सेवा दोष मानते हुए बीमा कंपनी को क्लेम राशि व विधिक व्यय के साथ ही 75 हजार रुपए मानसिक परेशानी के लिए क्षतिपूर्ति देने के आदेश पारित किए।
कुल 13 लाख 30 हजार अदायगी के आदेश
अभियोजन पक्ष के अनुसार तलहटी (आबूरोड) निवासी भगाराम पुत्र पाबूराम सुथार की ओर से जुलाई 2021 में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। इसमें स्थाई लोक अदालत ने आदेश पारित करते हुए यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को प्रार्थी भगाराम को कुल तेरह लाख तीस हजार रुपए अदा करने के आदेश पारित किए। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता भैरूपालसिंह बालावत ने पैरवी की।
कंपनी ने इस तरह खारिज किया क्लेम
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि प्रार्थी के स्वामित्व का एक वाहन संख्या आरजे 38 टीए 0657 था, जो यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय से दिनांक 04.02.2019 से 03.02.2020 तक बीमा कराया हुआ था। उक्त पॉलिसी में बीमा धन वाहन का 12,50,000/- अक्षरे बारह लाख पचास हजार रुपए घोषित था। दिनांक 19.01.2020 को प्रार्थी का वाहन जालोर से आबूरोड जाते समय बागरा के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बीमा कंपनी की ओर से सर्वेयर ने मौका देखा। इसके बाद वाहन को ठीक करवाने के लिए कम्पनी के अधिकृत शोरूम मेहसाणा लेकर गए। प्रार्थी का उक्त वाहन का सम्पूर्ण नष्ट मानते हुए बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार आईडीवी वेल्यू की मांग की तो अप्रार्थी बीमा कंपनी ने इसे 16.12.2020 को इस आधार पर खारिज कर दिया कि दुर्घटना के वक्त चालक के पास ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।
अदालत ने माना सेवा में दोष
प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं दस्तावेज के आधार पर अदालत ने माना कि अप्रार्थी बीमा कंपनी ने इस क्लेम को गलत तरीके से खारिज किया है। अदालत ने आदेश पारित किया कि कंपनी के इस सेवा दोष के कारण प्रार्थी को मानसिक परेशानी हुई। इसके लिए 75000 रुपए तथा विधिक व्यय के लिए 5000 रुपए भी दिलाए जाते हैं। वाहन की बीमा राशि 12,50000 रुपए प्रार्थना पत्र पेश करने की तिथि 06.07.2021 से वसूली तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करने के बीमा कंपनी को आदेशित किया गया।#sirohi.Permanent Lok Adalat passed order, United India Insurance will have to pay claim and compensation amount