- न नलों से पानी आ रहा और ना टैंकर ही पहुंचा रहे
- वाहन संचालन बंद इसलिए निजी टैंकर मंगवाना भी मुश्किल
सिरोही. जिला मुख्यालय होने के बावजूद लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। कई गली-मोहल्लों में न तो नलों से पानी आ रहा है और न ही टैंकरों से आपूर्ति की जा रही है। गलियों में खुदाई के लिए गड्ढे हो चुके हैं। ऐसे में वाहनों का संचालन भी बंद है। लिहाजा निजी स्तर पर टैंकर मंगवाना भी मुश्किल साबित हो रहा है। दूसरी ओर जलदाय विभाग लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति देने की बात कह रहा है। सम्पर्क पोर्टल पर बकायदा इस तरह की शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। इसमें स्पष्ट बताया है कि लोगों को समुचित पानी मिल रहा है।
दोषी कार्मिकों पर कार्रवाई के लिए करेंगे शिकायत
कागजों में हो रही इस आपूर्ति के कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है। दक्षिणी मेघवालवास निवासी श्रीमती गीतादेवी खत्री ने बताया कि मोहल्ले में लम्बे अर्से से पानी नहीं आ रहा है। खुदाई के कारण निजी टैंकर भी नहीं आ रहे। ऐसे में पानी के लिए भटकना मजबूरी बन गया है। जलदाय विभाग को शिकायत की थी, लेकिन कागजों में बता दिया कि इस मोहल्ले को समुचित पानी दिया जा रहा है। उन्होंने चेताया कि इस मामले में दोषी कार्मिकों पर कार्रवाई के लिए जल्द ही उच्चाधिकारियों से शिकायत करेंगे।
दुपहिया वाहन चलाना तक मुश्किल हो रहा
केंद्रीय बस स्टैंड के समीप दक्षिण मेघवालवास की गली नम्बर-तीन में आवागमन तक बंद है। मोहल्लेवासी बताते हैं कि सडक खोदने के बाद दुरुस्त नहीं हुई है। सीवरेज के लिए जो पाइप लगाए हैं, वह भी मार्ग से काफी ऊपर है। ऐसे में दुपहिया वाहन चलाना भी मुश्किल हो रहा है। इस गली के बाशिंदें कई दिनों से समस्या झेल रहे हैं। आवागमन तो बंद है ही पर्याप्त रूप से पानी भी नहीं मिल रहा।
न सुनवाई हो रही और न पानी मिल रहा
मोहल्ले के बाशिंदों ने बताया कि लम्बे समय से यहां जलापूर्ति गड़बड़ाई हुई है। इसमें सुधार के लिए जलदाय विभाग एवं जिला प्रशासन को भी शिकायत भेजी गई, लेकिन निस्तारण नहीं हुआ। सम्पर्क पोर्टल पर की गई शिकायतों का निपटारा करने के लिए एक-दो दिन पहले ही एक टीम गली में आई थी, जो लोगों से समस्या पूछकर चले गए। लोगों को समुचित पानी कब तक मिल पाएगा यह कहना मुश्किल है। जिला मुख्यालय होने के बावजूद न तो पानी मिल रहा है और न सुनवाई हो रही है।
नहीं तलाश रहे वैकल्पिक स्रोत
बताया जा रहा है कि इस मोहल्ले में बावड़ी से आने वाली पाइप लाइन जुड़ी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि बावड़ी में पानी नहीं होने से इस लाइन में आपूर्ति नहीं हो रही है। लेकिन, यह इसका समाधान निकालने में किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। जब एक स्रोत में पानी नहीं है तो दूसरे स्रोत से वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन स्रोत तलाशना तो दूर लोगों को टैंकरों के जरिए प्रतिदिन जलापूर्ति तक नहीं की जा रही। वैसे शहर के कुछ अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की समस्या है। शहरवासी बताते हैं कि चार दिन में एक बार जलाापूर्ति में महज कुछ बाल्टी पानी ही मिल रहा है, जो नाकाफी है।
समस्या का यह कैसा निस्तारण
शहर में सीवरेज व पाइन लाइन की खुदाई के चक्कर में गली-मोहल्लों की सड़कें उखड़ी पड़ी है। लिहाजा कई गलियों में लोग अर्से से पानी की बाट जोह रहे हैं। इन गलियों में न तो नलों से आपूर्ति हो पा रही है और न ही टैंकर आ रहे हैं। खुदाई के कारण इन गलियों में वाहनों की आवाजाही तक बंद हो चुकी है। ऐसे में निजी स्तर पर भी टैंकर नहीं आ रहे, जिससे लोग पानी के लिए भटक रहे हैं। उधर, जलदाय विभाग ने लोगों की समस्या का हल ढूंढने के बजाय कागजों में ही समाधान कर दिया है। लोगों की शिकायत का निस्तारण हो चुका है। इसमें बताया गया है कि लोगों को पर्याप्त पानी मिल रहा है।