पिता की कमजोरी व अमीरी देख पुत्र का अपहरण

- मोटा पैसा कमाने के चक्कर में व्यापारी के बेटे को ले गए
- पुलिस ने चौबीस घंटे में ही किया मामले का पटाक्षेप
चित्तौडग़ढ़. अनाज व्यापारी के पुत्र के अपहरण मामले का पुलिस ने चौबीस घंटे में खुलासा कर दिया। साथ ही दो जनों को गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी समेत अन्य साथी फरार हो गए।
पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि उदयपुर जिले के सनवाड़ रीको इंडस्ट्रियल एरिया के जंगल में ही दोनों आरोपी मिले। युवक संजय डांगी को वे लोग अपहरण कर ले गए थे वह भी उनके साथ मिला, जिसे छुड़ा लिया गया। उधर, बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी कमलेश के पास हथियार होने की सूचना थी। उसके खिलाफ पहले भी डकैती के मामले दर्ज हैं। कार्रवाई के दौरान वह भागने में कामयाब रहा। पुलिस अब उसकी व उसके अन्य साथियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
जुटी रही आठ थानों की टीम
पुलिस के अनुसार अपहरण के मामले को गंभीरता से लेते हुए चित्तौडग़ढ़, उदयपुर व राजसमंद जिलों के आठ थानों की टीम गठित की गई। साइबर सैल के तकनीकी सहयोग से इस मामले का चौबीस घंटे में ही पटाक्षेप हो गया।
बड़ा हाथ मारने के चक्कर में किया अपहरण
पुलिस के अनुसार आरोपी छोटा-मोटा धंधा करते हैं तथा बड़ा हाथ मारने के चक्कर में अपहरण की प्लानिंग की। इस पूरी साजिश का सूत्रधार चंदेरिया के लाखा का खेड़ा निवासी कमलेश पुत्र भैरूलाल बंजारा बताया जा रहा है। चंदेरिया का होने से वह पीडि़त संजय व उसके पिता नारायण डांगी को अच्छे से जानता है। वह यह भी जानता है कि दोनों काफी धनवान है और शारीरिक रूप से काफी कमजोर है। ऐसे में उसने अपहरण की प्लानिंग बनाई।
मौके से मुख्य आरोपी फरार, दो गिरफ्तार
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी पिता-पुत्र दोनों क अपहरण करना चाहते थे, लेकिन हाईवे होने से लोगों की आवाजाही थी। ऐसे में केवल संजय को ही निशाना बनाया। मुख्य आरोपी कमलेश व उसके दो अन्य साथी मौके से फरार हो गए। उसी ने प्लानिंग के बाद आरोपी लाखा का खेड़ा निवासी किशनलाल पुत्र भगवानलाल गाडरी व राजसमंद निवासी हीरालाल पुत्र देवीलाल भाट सहित अन्य दो जनों को भी इसमें शामिल किया तथा युवक का अपहरण कर लिया।#Chittorgarh. Police exposed the kidnapping case of grain trader’s son in 24 hours
बचाव के लिए ऐसी प्लानिंग
- मुख्य आरोपी कमलेश ने सहयोगी हीरालाल से उसकी कार बहुत पहले ही ले ली थी, कहा कि इसकी किस्त मैं चुका दूंगा
- उसने गाड़ी की नंबर प्लेट हटा दी तथा किसी के हाथ न लगे इसलिए संजय के मोबाइल से ही उसके परिजनों से लगातार फिरौती मांगता रहा
- अपहरण के बाद आरोपी युवक को लेकर कार में सनवाड़ समेत आसपास के इलाके में ही घूमते रहे।
- पहले भूपालगढ़ में रूकने का प्लान था, लेकिन बाद में इसे कैंसल कर दिया तथा कार में ही घूमते रहे।