
- शेड्यूल में नहीं था सिरोही पर आनन-फानन में तय किया दौरा
- दोपहर को चला मैसेज और रात को हुई अधिकारियों की बैठक
सिरोही. अब इसे प्रभारी मंत्री की संजीदगी कहे या मुख्यमंत्री के निर्देशों की सख्ती, लेकिन यह जरूर है कि जिला प्रभारी मंत्री केके बिश्नोई (KK bishnoi) ने सिरोही का आनन-फानन में दौरा किया और रात को ही अधिकारियों की बैठक ली। हालांकि अपने जिला प्रभार वाले जालोर में अतिवृष्टि में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए उन्होंने शेडयूल तय किया था, लेकिन सिरोही को इसमें शामिल नहीं किया। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला प्रभारियों को 5 से 7 सितम्बर तक अपने-अपने क्षेत्र में रहना था। ऐसे में सिरोही के लिए रविवार दोपहर को ही शेड्यूल तय किया गया और रात को बैठक ली।
इसलिए रात को ही बैठक ली गई
मुख्यमंत्री ने जिला प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्र में रहने एवं अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए थे। जिला प्रभारी मंत्री केके बिश्नोईअपने प्रभार क्षेत्र में आने वाले जालोर में वे बैठक ले चुके थे, लेकिन सिरोही उनके दौरे में शामिल नहीं था। सिरोही भी इनके ही प्रभार में होने से संभवतया आनन-फानन में ही दौरा तय कर रविवार रात यहां जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक ली गई।
सिरोही तो शेड्यूल में ही नहीं था
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग राज्यमंत्री व जिला प्रभारी मंत्री केके बिश्नोई के कार्यालय से 4 सितम्बर को तीन दिवसीय दौरे का शेडयूल जारी गया था। इसमें सिरोही जिले का नाम तक नहीं था। यहां तक कि प्रोटोकॉल सम्बंधी व्यवस्थाओं के लिए भी जयपुर, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर, बाड़मेर, बालोतरा, जालोर, पाली, नागौर व सीकर जिला कलक्टर को प्रतिलिपि भेजी गई थी।
इसे सरकार की संजीदगी ही कहा जाएगा
चाहे जो लेकिन, यह तय है कि अतिवृष्टि में हुए नुकसान को लेकर सरकार संजीदा है। यही कारण रहा कि जिला प्रभारी ने प्रोटोकॉल व्यवस्थाओं दरकिनार करते हुए भी आनन-फानन में अपना दौरा तय किया। मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों के तहत तीन दिनों में ही इन्होंने अपने प्रभार वाले जालोर व सिरोही दोनों जिलों में अधिकारियों की बैठक ली। इसमें अतिवृष्टि के सम्बंध में राहत कार्य, बचाव कार्य एवं तैयारियों को लेकर निर्देश दिए।