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परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर सुजानाराम चौधरी पर एसीबी का शिकंजा

माउंट आबू और जोधपुर समेत कई जगह खरीद रखे हैं बंगले

अर्जित कर रखी है करोड़ों की बेनामी सम्पति

सिरोही. परिवहन विभाग में निरीक्षक (RTO इंस्पेक्टर) सुजानाराम चौधरी के 6 ठिकानों पर एसीबी (ACB) ने शिकंजा कसते हुए सर्च ऑपरेशन चलाया है। परिवहन निरीक्षक फिलवक्त सिरोही में तैनात है और यहां गुजरात बॉर्डर होने से अवैध वसूली के मामले अक्सर उठते रहे हैं।

आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी ने डीटीओ इंस्पेक्टर सुजानाराम चौधरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए छह अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ सर्च अभियान चलाया। इस सर्च अभियान की अगुवाई जालोर एसीबी टीम ने की। बताया जा रहा है कि प्रथमदृष्टया आय से 201 गुना अधिक सम्पति एकत्र किए जाने का मामला सामने आया है। साथ ही कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी एसीबी के हाथ लगे हैं।

कई ठिकानों पर एक साथ चला सर्च ऑपरेशन

एसीबी टीम ने परिवहन निरीक्षक सुजानाराम चौधरी के ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। सिरोही के गोयली स्थित फ्लैट, माउंट आबू स्थित आलीशान बंगला, पैतृक गांव कुशलापुरा स्थित आवास, जोधपुर के पाल क्षेत्र की आशापूर्णा सिटी का मकान, जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड का मकान, शास्त्री नगर स्थित यूनिलेक्स सैलून आदि पर दबिश दी।

लाखों की नकदी व दस्तावेज हाथ लगे है

टीम ने सिरोही के जिला परिवहन कार्यालय (DTO) में भी सर्च ऑपरेशन चलाते हुए दस्तावेजों की गहनता से जांच की। बताया जा रहा है कि टीम को अलग अलग जगहों से लाखों रुपए की नकदी और सम्पतियों के दस्तावेज हाथ लगे हैं।

परिजनों के नाम सम्पत्तियां और करोड़ों का लेन देन

सर्च  अभियान में इंस्पेक्टर सुजानाराम चौधरी और उनके परिजनों के नाम पर 15 से अधिक आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियां सामने आई हैं। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत ₹3.35 करोड़ बताई जा रही है। वहीं, सात बैंक खातों में करोड़ों रुपए का लेन-देन भी सामने आया है ACB की रिपोर्ट के अनुसार यह संपत्ति आय से लगभग 201 प्रतिशत अधिक है।

पूछताछ के लिए इंस्पेक्टर को हिरासत में लिया

सिरोही के गोयली रोड स्थित फ्लैट पर सर्च पूरा करने के बाद ACB टीम ने इंस्पेक्टर सुजानाराम चौधरी को हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए भीनमाल लेकर रवाना हुए।

इस तरह नजरों में आई अवैध वसूली

मार्च एंडिंग की आड़ में हुई अवैध वसूली से उजागर हुआ था पूरा मामला। राजस्थान दीप में सिलसिलेवार समाचार प्रसारित होने से यह अवैध वसूली नजरों में आई।
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