- बनास बांध का पानी सिंचाई के लिए किसानों को देने की मांग
- खनन परियोजनाओं के विरोध में मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
सिरोही. पिण्डवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजनाओं को लेकर किसान आक्रोशित है। भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा तथा चेताया कि किसानों के हितों की अनदेखी करने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। फैक्ट्रियों में जा रहे बनास बांध के पानी को रोकने एवं सिंचाई के लिए देने की भी मांग रखी।
ज्ञापन में बताया कि कमलेश मेटाकास्ट तथा मोरस क्षेत्र में प्रस्तावित कैल्साइट खनन परियोजनाएं किसानों को बर्बाद करने वाली है। इन परियोजनाओं से किसानों का जीवन, कृषि भूमि, जलस्रोत व पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। उपजाऊ जमीन बंजर होने का खतरा है तथा भूजल स्तर भी तेजी से पैंदे बैठ रहा है। किसानों ने बताया कि स्थानीय किसानों की सहमति और व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन किए बगैर ही खनन परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है।
फैक्ट्री का पानी बंद करने की मांग
ज्ञापन में बताया कि बनास बांध का पानी प्राथमिकता के आधार पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएं। आरोप लगाया कि सिंचाई की आवश्यकताओं की अनदेखी कर जेके सीमेंट फैक्ट्री को पानी दिया जा रहा है, जिससे खेत सूख रहे हैं और फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है। फैक्ट्री को तत्काल पानी आपूर्ति बंद करने की मांग की।
किसानों ने लगाया अवैध खनन का आरोप
किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया कि रोहिड़ा व सरूपगंज क्षेत्र में मिट्टी, बजरी व पत्थर का बड़ी मात्रा में खनन किया जा रहा है। बनास व कादंबरी बांध के कैचमेंट एरिया में अवैध बोरवैल से पानी निकालकर जेके फैक्ट्री को बेचे जाने का भी आरोप लगाया गया। वहीं, जेके फैक्ट्री पर स्वीकृत खनन लीज से बाहर वन क्षेत्र और अन्य सरकारी भूमि में खनन किए जाने का भी आरोप लगाया। मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं, वाटेरा में पिछले दिनों मिट्टी के अवैध खनन मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने को लेकर भी रोष जताया।



