लॉरी-ठेलों के बीच नजर तक नहीं आता विवेकानंद सर्किल, नहीं हट रहे अतिक्रमण
सायला (जालोर). कस्बे में कुछ वर्ष बनाया गया विवेकानंद सर्किल अब उपेक्षा का शिकार हो रहा है। अतिक्रमण बढऩे से न तो सर्किल नजर आता है और न इसके निर्माण की सार्थकता साबित हो रही है। ग्राम पंचायत की बेपरवाही का आलम तो यह है कि सर्किल के आसपास खड़े ठेले व लॉरियों को भी व्यवस्थित नहीं करवाया जा रहा।
कस्बे में पुराना बस स्टैंड पर कुछ वर्ष पूर्व बंशीलाल लसूजी सुथार परिवार के सहयोग से यह सर्किल बनाया गया था। इस पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित की गई तथा रोशनी व पानी के प्रबंध भी किए गए। लेकिन, कुछ ही समय बाद यह सर्किल उपेक्षित हो गया। इन दिनों इसके इर्द-गिर्द लॉरी-ठेलों का जमावड़ा रहता है। अतिक्रमण नहीं हटाए लाने से सर्किल गुम सा हो गया है। उधर, भामाशाह परिवार के अभिजित सुथार ने बताया कि ग्राम पंचायत के आग्रह पर सर्किल निर्माण करवाया था, लेकिन सर्किल के इर्द-गिर्द ठेले व लॉरियों से अतिक्रमण बढ़ रहा है।
लगी थी आठ लाख की लागत
बताया जा रहा है कि इस सर्किल के निर्माण में करीब आठ लाख रुपए की लागत आई थी। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भामाशाह परिवार का उद्देश्य सार्थक साबित नहीं हुआ। विकास में किया गया सहयोग व्यर्थ जाने से अन्य कार्यों के लिए भी भामाशाह प्रेरित नहीं हो रहे।