- स्वामीनारायण मंदिर में 1111 से अधिक व्यंजनों का नैवेद्य अर्पित
सिरोही. शहर में अनादरा चौराहा स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में रविवार को अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। इसके तहत आराध्य देवों को 1111 से अधिक व्यंजनों का नैवेद्य अर्पित किया गया। वहीं, कई धार्मिक आयोजन हुए। कार्यक्रम में जयपुर मंदिर के कोठारी स्वामी सर्वदर्शन स्वामी एवं धर्मप्रकाश स्वामी का सान्निध्य रहा।
इस दौरान स्वामी ने भारतीय संस्कृति के अनुसार अन्नकूट की महिमा बताई। कहा कि भगवान ही कर्ता व हर्ता है। उन्होंने हमें बहुत कुछ दिया है, इसलिए उनका आभार जताना जरूरी है। इस प्रकार के आयोजन से हम उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। स्वामी ने गोवर्धन पर्वत की महिमा कहते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण निरंतर 56 दिन तक गोवर्धन पर्वत को थामे खड़े रहे, इसलिए जब उन्होंने पर्वत को वापस रखा तो समस्त ब्रजवासियों ने विविध प्रकार के 56 पकवान बनाकर खिलाए थे। प्रतिवर्ष अन्नकूट उस सदियों पुराने दिवस की याद में मनाया जाता है।
अनमोल अवसर है अन्नकूट महोत्सव
स्वामी ने बताया कि भारतीय संस्कृति ने स्वयं की भांति परमेश्वर की भी सेवा करने की बात कही है। ऐसी सेवा भक्ति अदा करने का अनमोल अवसर ही अन्नकूट महोत्सव है। अन्नदाता भगवान को नूतन वर्ष की शुरुआत में विविध व्यंजनों का राजभोग चढ़ाकर भाविक कृतार्थता का अनुभव करते हैं।
भाविकों ने किए नैवेद्य झांकी के दर्शन
इस धार्मिक अनुष्ठान में कार्यकर्ताओं ने सवेरे 7 बजे से 5 बजे तक अलग-अलग थालियों में नैवेद्य सजाकर अन्नकूट की झांकी सजाई। शाम 5 से 8 बजे तक शहर के अलग-अलग जगहों से आए भाविकों ने अन्नकूट के दर्शन किए। बाद में कार्यकर्ताओं की ओर से भक्ति थाल का गायन कर भगवान को नैवेद्य अर्पण किया।
मिठाई से लेकर चॉकलेट व फल-बिस्किट तक
अन्नकूट महोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह नजर आया। श्रद्धालु अपने साथ भगवान के लिए विभिन्न थाल लेकर आए। इसमें मिठाई, केक, शेक, पास्ता, डोसा, इडली, दाबेली, वडापाव, सेंडवीच, श्रीखंड, बिस्किट, सोडा, ड्रायफ्रूट, नमकीन, रोटी-सब्जी, चॉकलेट, फल समेत कई व्यंजन शामिल रहे। भाविकों ने मिठाई व बिस्किट से इमारतों का आकार बनाया, जो आकर्षण का केन्द्र रहा। महोत्सव को लेकर मंदिर परिसर आकर्षक ढंग से सजा रहा। रोशनी सज्जा मनमोहक रही। परिसर में रंगोलियां सजाई गई।