- संगठन के मुखिया नहीं संभाल पा रहे अपना कुनबा
- बागी बन रहे आरएसएस पृष्ठभूमि के पदाधिकारी
सिरोही. जिले की जिस विधानसभा सीट को अपने कब्जे में लेने के लिए भाजपा कड़ी मशक्कत करने में जुटी हुई है उसकी राह आसान नहीं लग रही। भाजपा को सत्ता में लाने के लिए आरएसएस जिस तरह से प्लानिंग कर रही है उस पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है। हम बात कर रहे हैं सिरोही विधानसभा क्षेत्र की। यहां भाजपा में जिस तरह से बगावत का बिगुल बज रहा है उससे साफ जाहिर है कि या तो आरएसएस की अपने कार्यकर्ताओं पर पूरी पकड़ नहीं है या वे भाजपा प्रत्याशी को अपने हाल पर छोड़ चुके हैं। शायद यही कारण है कि सिरोही जिले की तीनों सीटों पर बगावत के सुर सामने आ चुके हैं। सिरोही सीट पर तो बगावत का मोर्चा खोलने वाले आरएसएस पृष्ठभूमि से आने वाले कार्यकर्ता ही है। यह स्थिति तब है, जबकि भाजपा ने हाल ही में आरएसएस पृष्ठभूमि से आने वाले पदाधिकारी को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी है। निवर्तमान जिलाध्यक्ष भी आरएसएस पृष्ठभूमि से ही थे। इसके बावजूद वे भाजपा संगठन को एक सूत्र में बांधे रखने में कामयाब होते नहीं दिख रहे। प्रदेश में सत्ता हासिल करने को लेकर रणनीति बना रही भाजपा के लिए इस तरह की बगावत गले की फांस साबित हो सकती है।#Sirohi Assembly seat: Officials from RSS background becoming rebels
दावा किया कि चुनाव जीतकर दिखाएंगे
सिरोही के एक रेस्टोरेंट में गुरुवार को भाजपा पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता करते हुए खुली बगावत की। इसमें शामिल पदाधिकारियों ने खुले रूप से कहा कि जातिवाद को हम सहन नहीं करेंगे तथा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाएगा। दावा किया कि तीसरे विकल्प के रूप में नहीं बल्कि मजबूती के साथ लड़ेंगे तथा चुनाव जीत कर दिखाएंगे।
भाजपा के कद्दावर नेताओं की बगावत
बगावत कर रहे ये सभी पदाधिकारी भाजपा में कद्दावर गिने जाते हैं। पत्रकार वार्ता में शामिल हुए भाजपा पदाधिकारी सुरेश सगरवंशी व अशोक पुरोहित आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं। नगर परिषद सिरोही में भाजपा से चुनाव जीतकर उपाध्यक्ष रहे सुरेश सगरवंशी लगातार पार्षद रहे हैं। अशोक पुरोहित ने भी इस बार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पार्षद का चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे। हेमंत पुरोहित भाजयुमो में उस समय जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, जब वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी (BJP LEADER CPJOSHI) मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष थे। लिहाजा वे जोशी के भी खास माने जाते हैं।
आखिर क्यों नहीं कर पा रहे डैमेज कंट्रोल
बगावत करने वाले हेमंत पुरोहित भाजपा में लगातार सक्रिय रहे हैं। वे अच्छे वक्ता माने जाते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से वे संगठन की गतिविधियों पर नाराजगी जताते हुए सवाल भी उठाते रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने बात छेड़ी थी कि तत्कालीन जिलाध्यक्ष को टिकट मिलता है तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। भाजपा के लिए यह बगावत सिरदर्द बन सकती है। देखा जाए तो भाजपा में लम्बे समय से इस तरह का माहौल बन रहा है, लेकिन संगठन में स्थानीय स्तर पर आखिर डैमेज कंट्रेल क्यों हो पा रहा यह कहना मुश्किल है।
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