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मंत्री का दर्जा देने का आदेश नहीं निकाला है इसलिए सलाहकार बनाने का इश्यू बेमतलब

  • पीसीसी में मीडिया से रूबरू हुए मुख्यमंत्री ने कहा खबर तो तब बनती जब हम उन्हें मंत्री का दर्जा देते
    जयपुर. पीसीसी में मीडिया से रूबरू हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवालों के जवाब में स्पष्ट कह दिया है कि वे चाहे जिसे, सलाहकार बना सकते हैं। मंत्री का दर्जा देने का आदेश नहीं निकाला। इसलिए इसे बेमतलब ही इश्यू बनाया जा रहा है कि सलाहकार कैसे बना दिए।

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मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि वो किसी को भी सलाहकार बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई पूछ नहीं सकता है। गहलोत ने कहा संसदीय सचिव भी पहले से बनते आए हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें राज्य मंत्री का स्टेटस नहीं मिलता। गहलोत ने कहा कि हमने मंत्री का दर्जा देने का आदेश ही नहीं निकाला है। खबर तो तब बनती जब हम उन्हें मंत्री का दर्जा दे देते। पीसीसी में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा मैंने अपने सलाहकार बनाए हैं। मुख्यमंत्री किसी को भी सलाहकार बना सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन 6 विधायकों को सलाहकार बनाया गया है। उनमें अगर पांच मीडिया वाले भी जोड़़ लूं, तो कौन मुझसे कुछ पूछ सकता है। मैं सलाह ही तो ले रहा हूं और क्या कर रहा हूं।

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मेरे सलाहकार जाएंगे तो क्या दिक्कत है
उन्होंने कहा हम लोग सरकार चला रहे हैं। हमें जानकारी होगी कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या कह रखा है। राज्यों में क्या फैसले हुए हैं और क्या होना चाहिए। यह समझ के परे हैं कि बिना मतलब इसे इश्यू बनाया जा रहा है कि सलाहकार कैसे बना दिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह मीडिया अलग-अलग जिलों में हालात जानने जाती है। मेरे सलाहकार जाएंगे तो क्या दिक्कत है। सवालों के जवाब देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने इशारा दे दिया है कि आगे वो संसदीय सचिव भी बनाने जा रहे हैं। लेकिन ऐसे सलाहकारों और संसदीय सचिवों को कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा नहीं मिलेगा। उधर, मुख्यमंत्री गहलोत के इस सियासी बयान से उन विधायकों को जरूर धक्का लगेगा, जो सत्ता में मंत्री पद पाने के आस लगाए बैठे हैं।#The order to give minister status has not been taken out, so the issue of making an advisor is meaningless.

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