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मरम्मत तो क्या बैठकों को ही गंभीरता से नहीं ले रहे जिम्मेदार

  • जिला परिषद की लगातार दो बैठकों से गायब एनएच प्रतिनिधि
  • रेवदर-मंडार मेगा हाईवे का मुद्दा उठा तो नदारद थे प्रतिनिधि

सिरोही. रेवदर-मंडार मेगा हाईवे की मरम्मत के प्रति राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के अधिकारी कितने गंभीर है इसकी बानगी तो सडक़ों की हालत से देख ही चुके हैं। एनएच के अधिकारी जिलास्तरीय बैठकों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे। यहां तक कि जिले की सबसे पंचायत जिला परिषद की लगातार दो बैठकों से एनएच प्रतिनिधि गायब है। रेवदर-मंडार मेगा हाईवे की मरम्मत को लेकर पांच करोड़ की बजट स्वीकृति के मामले में सवाल उठा तो पता चला एनएच के प्रतिनिधि नदारद ही है। जिला प्रमुख अर्जुनराम ने इस पर नाराजगी जताई। कहा कि पिछली बैठक में भी इनको कोई प्रतिनिधि हाजिर नहीं था। इनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जाएं।

पता नहीं कहां गायब हुए पांच करोड़
उल्लेखनीय है कि एनएच की मरम्मत और फोरलेन के लिए डीपीआर तैयार करने की खातिर सालभर पहले बजट स्वीकृति हुई थी। इस बजट में से करीब पांच करोड़ रुपए केवल सडक़ मरम्मत के लिए ही थे, लेकिन सालभर बाद भी इस सडक़ पर दो-चार जगह पैबंदों के अलावा कुछ नहीं हुआ।

यहीं से गुजरते हैं सांसद व जिला प्रमुख
वैसे इस मार्ग से सटे गांवों में ही सांसद व जिला प्रमुख का निवास भी हैं। जिला मुख्यालय के लिए वे इसी मार्ग से आवागमन करते हैं, लेकिन बदहाल हो चुके इस हाईवे की ओर इनका ध्यान नहीं जा रहा। जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में जिला प्रमुख ने इस मुद्दे पर जानकारी चाहने का प्रयास किया, लेकिन विभागीय अधिकारी ही गैरहाजिर थे।

गैर हाजिरी पर कार्रवाई तक नहीं हो रही
जिला परिषद की यह बैठक नौ से दस माह बाद आयोजित की गई। इसमें भी राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी गैरहाजिर ही रहे। यहां तक कि गत बैठक में भी इनकी ओर से किसी ने प्रतिनिधित्व नहीं किया। ऐसे में एनएच के अधीन सडक़ों की मरम्मत और जनता की समस्याओं को लेकर यदि कोई सवाल भी पूछना हो तो जवाब देने वाला कोई नहीं। जनता के प्रति जवाबदेही रखने वाले जिम्मेदारों की गैर हाजिरी पर कार्रवाई भी कौन करेगा, यह कहना मुश्किल है।

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