करोड़ों की शराब खपाने के लिए ठेकेदारों व तस्करों का गठजोड़

- आबकारी महकमे की मौन स्वीकृति में बढ़ रही शराब तस्करी
- अवैध रूप से गुजरात जा रही शराब रोकने के कोई प्रबंध नहीं
सिरोही. मंडार के मैथीपुरा क्षेत्र में शराब तस्करों की सक्रियता के बावजूद आबकारी महकमा मूकदर्शक बना हुआ है। मैथीपुरा जैसे गांवों में करोड़ों की गारंटी वाली दुकानें आवंटित करने के बाद माल कहां खपाया जा रहा है इस पर कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा। अवैध रूप से गुजरात जा रही शराब रोकने के कोई प्रबंध नहीं किए जा रहे। लिहाजा ठेकेदारों और तस्करों का गठजोड़ फलफूल रहा है। इस पूरे मामले को लेकर जिला आबकारी अधिकारी अजय जैन से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
अवैध तरीके से भेज रहे गुजरात
ठेके के नाम पर करोड़ों की शराब उठाने के बाद ठेकेदार इसे अवैध तरीके से गुजरात भेज रहे हैं। बताया जा रहा है कि ठेकों पर आ रही शराब खपाने के लिए तस्करों के साथ गठजोड़ चल रहा है। इस मामले में आबकारी महकमा चुप्पी साधे बैठा है, जिससे माल पार करने में आसानी हो रही है।
तस्करी का अड्डा बना मैथीपुरा क्षेत्र
बताया जा रहा है कि मैथीपुरा क्षेत्र कुछ समय से शराब तस्करों का अड्डा बना हुआ है। आसपास के गांवों से आ रही शराब को यहीं से गुजरात भेजा रहा है। यहां तक कि मैथीपुरा गांव का शराब ठेका ही आठ से नौ करोड़ रुपए में आवंटित होता है। इस क्षेत्र से करोड़ों रुपए मूल्य की शराब गुजरात के लिए भेजी जा रही है।
कार्रवाई से क्यों कतरा रहे आबकारी अधिकारी
कहने को आबकारी के पास रेवदर में निरीक्षक व प्रहराधिकारी के नाम पर जाब्ता भी है, लेकिन पता नहीं क्यों कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। गुजरात सीमा से सटे गांवों से होते हुए शराब तस्करों की आसानी से आवाजाही हो रही है, लेकिन आबकारी का जाब्ता न तो इनको पकड़ पा रहा है और न ही शराब तस्करी पर अंकुश लग रहा है।