मूक प्राणियों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है
कैलाशनगर में जीव दया सेवा समिति ने भामाशाहों के सहयोग से बनवाया जलाशय, किया लोकार्पण
सिरोही. कैलाशनगर में जीव दया सेवा समिति की ओर से विभिन्न धार्मिक कार्य किए जा रहे हैं। भामाशाहों के सहयोग से चल रहे जीव दया के पुनीत कार्य से मूक प्राणियों को लाभान्वित किया जा रहा है। समिति की ओर से हाल ही में जलाशय का निर्माण करवाया गया है। गुरुवार को इसका लोकार्पण किया गया। मुख्य अतिथि झाड़ोली वीर स्थित वोवेश्वर महादेव मंदिर महंत रूपपुरी महाराज रहे।
उन्होंने कहा कि मूक प्राणियों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। बोलने वाले प्राणी अपनी बातें कह सकते हैं, लेकिन मूक प्राणी अपनी पीड़ा किससे कहे। इनके खाने-पीने की व्यवस्था करना हमारा दायित्व है। कैलाशनगर जीव दया सेवा समिति इस कार्य को बखूबी निभा रही है। उन्होंने समिति पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को इस सेवा भाव के लिए आशीर्वाद दिया।
भामाशाहों के सहयोग से चल रहा पुनीत कार्य
जीव दया सेवा समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि भामाशाहों के सहयोग से पूरा कार्य संचालित किया जा रहा है। इसके तहत गोवंश, श्वान और अन्य पशु-पक्षियों के भोजन-पानी के प्रबंध किए जा रहे हैं। इसमें प्रवासी भामाशाहों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस पुनीत कार्य को संचालित रखने का पूरा श्रेय भामाशाहों को जाता है।
गाय-बछड़े की पूजा-अर्चना के साथ लोकार्पण
शारदीय नवरात्र के तहत गुरुवार को घट स्थापना के उपलक्ष्य में कैलाशनगर जीव दया सेवा समिति की ओर से बनवाए गए जलाशय का लोकार्पण किया गया। इसमें पानी भरा रहेगा, जिससे पशु-पक्षी अपना हलक तर कर सकेंगे। प्रारंभ में जलाशय के बीच स्थापित गाय-बछड़े की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद जलाशय का लोकार्पण किया गया। इस दौरान समिति सदस्य भरत जी. रावल , फूलाराम के. राजगुरु, मूलाराम लुहार, भगाराम लुहार, प्रकाशभाई सोनी, तलसाराम माली, भंवरलाल जे लाकातर, रमेश मेघवाल समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।