
- राजमेस ने न प्रिंसीपल लगाया और न वैकिल्पक व्यवस्था की
सिरोही. राजकीय मेडिकल कॉलेज में कैंटीन बंद होने से छात्र भारी परेशानी उठा रहे हैं। खाने के लिए बाहर से पार्सल मंगवाए जा रहे हैं। वहीं, इंटर्न कर रहे छात्रों को स्टाइपेंंड का भुगतान भी अटका हुआ है। मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल डॉ. श्रवणकुमार मीणा के रिश्वतखोरी मामले में पकड़े जाने के बाद यह अव्यवस्था हुई है। वहीं, राजमेस ने अभी तक न तो स्थाई प्रिंसीपल को नियुक्ति दी है और न कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है। लिहाजा छात्र पिछले पखवाड़ेभर से परेशानी झेल रहे हैं।
पूर्व विधायक ने राजमेस निदेशक से बात की
इस सम्बंध में पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने भी राजमेस निदेशक से भी बात की है। बताया कि प्रिंसीपल ट्रेप होने के बाद नई नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही बताया कि कैंटीन बंद होने से विद्यार्थियों को भोजन की गंभीर समस्या झेलनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि विदेश से पढक़र आए इंटन्र्स को स्टाइपेंड नहीं मिलना भी गंभीर बात है। उन्हें जल्द भुगतान किया जाना चाहिए।
निर्देशों का उल्लंघन कर रहा राजमेस
पूर्व विधायक ने बताया कि इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को स्टाइपेंड का भुगतान नहीं होना राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है। राजमेस के अधीन सिरोही कॉलेज में वर्ष 2024-25 से अब तक स्टाइपेंड की राशि हस्तांतरित नहीं की गई। राजमेस जयपुर के अधीन आठ चिकित्सा महाविद्यालयों को एमबीबीएस इंटर्न स्टाइपेंड भुगतान के लिए कुल 3126 लाख रुपए हस्तांतरित किए गए है पर सिरोही कॉलेज को इससे वंचित रखा गया है।
वैकल्पिक व्यवस्था की है…
कैंटीन बंद होने से अभी एक रेस्तरां के साथ वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी है। छात्र उस रेस्तरां से सम्पर्क कर खाने-पीने के लिए पार्सल मंगवा सकते हैं।
- डॉ.मलकेश मीणा, अतिरिक्त प्रधानाचार्य, मेडिकल कॉलेज सिरोही



