- सीकर में मिले दुर्लभ यूरेनियम के भंडार
- परमाणु बम से लेकर एनर्जी पावर तक बढ़ाएगा राजस्थान
जयपुर. राजस्थान की अब यूरेनियम माइनिंग एरिया में भी एंट्री हो गई है। सीकर जिले में दुर्लभ यूरेनियम के भंडार मिले हैं। इसकी एलओआई जारी कर दी गई है। यूरेनियम के कारण अब राजस्थान और मजबूत हो सकेगा। माना जा रहा है कि दुनिया में बेहद दुर्लभ परमाणु खनिज यूरेनियम के बड़े भंडार सीकर जिले में मिले हैं।
माइंस एंड पेट्रोलियम डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान सरकार ने सीकर के पास खण्डेला तहसील के रोहिल में यूरेनियम अयस्क की माइनिंग के लिए यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को खनन पट्टा का लेटर ऑफ इंटेट जारी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार खण्डेला रोहिल में 1086.46 हेक्टेयर एरिया में 12 मिलियन टन यूरेनियम और इससे जुड़े एसोसिएटेड मिनरल्स के भंडार खोज में मिले हैं। प्रदेश में यूरेनियम की माइनिंग के लिए राजस्थान सरकार ने एलओई जारी कर दिया है। जिसके साथ ही राजस्थान की यूरेनियम माइनिंग एरिया में एंट्री हो गई है।
कुछ ही देशों में होता है ज्यादा उत्पादन
विश्व में सबसे ज्यादा यूरेनियम का प्रोडक्शन कुछ ही देशों में होता है। इसमें कजाकिस्तान, कनाड़ा व आस्ट्रेलिया शामिल है। इसके अलावा निगेर, रूस, नामीबिया, उज्बेकिस्तान एवं यूक्रेन में यूरेनियम है, जहां इसका उत्पादन होता है।
होगा तीन हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश
प्रदेश में 3000 करोड़ से ज्यादा का निवेश इस सेक्टर में किया जाएगा। इससे 3000 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिलेगा। यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (UCIL) की ओर से इसके लिए निवेश किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे।
वल्र्ड स्क्रीन पर आया राजस्थान
बताया जा रहा है कि देश में झारखण्ड और आंध्रप्रदेश के बाद राजस्थान में यूरेनियम के विशाल भंडार मिले हैं। यूरेनियम दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से एक है। परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम बेहद कीमती खनिज है। यूरेनियम माइनिंग से राजस्थान के वल्र्ड स्क्रीन पर आने के साथ ही इंवेस्टमेंट, राजस्व एवं रोजगार के नए अवसर खुल गए हैं।
भंडार मिलने से बढ़ेगी ताकत
यूरेनियम के भंडार मिलने से अब राजस्थान और भारत की ताकत परमाणु बम से लेकर बिजली प्रोडक्शन तक बढ़ेगी। यूरेनियम का इस्तेमाल प्रमुख तौर पर बिजली बनाने में किया जाता है। एटम बम, एटोमिक एनर्जी के अलावा दवा, डिफेंस उपकरणों, फोटोग्राफी, मेडिकल उपकरण समेत कई सेक्टर्स में इसका उपयोग होता है।
जल्द शुरू हो जाएगी माइनिंग
माइनिंग विभाग के अधिकारी बताते हैं कि अभी तक झारखण्ड में सिंहभूमि के जादूगोडा और आंध्रप्रदेश में यूरेनियम की माइनिंग की जा रही है। जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राजस्थान में भी माइनिंग शुरू हो जाएगी। यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड करीब 3 हजार करोड़ का निवेश करेगा। इसके साथ ही करीब तीन हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। यूरेनियम के साथ निकलने वाले प्रोडक्ट्स के आधार पर को-इंडस्ट्रीज भी प्रदेश में लगेंगी।#jaipur.Entry_in_Rajasthan’s_uranium_mining_area,_rare_uranium_deposits_found_in_Sikar_district