लहराई गगनचुंबी धर्म ध्वजा, गुंजायमान रहे चेनजी दाता के जयकारे

- भीमा नाड़ी स्थित बिलेश्वर महादेव मंदिर में तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की पूणाहुति
- हजारों की संख्या में उमड़े श्रद्धालु, ढोल-ढमाकों की धुन पर किया नृत्य, साधु-संतों से लिया आशीर्वाद
सिरोही. कैलाशनगर में भीमा नाड़ी स्थित बिलेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार को धूमधाम से प्राण-प्रतिष्ठा की गई। शिखर पर ध्वजारोहण के बाद महाआरती हुई। साथ ही हेलीकॉप्टर से पुष्प वृष्टि की गई। महोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में उल्लास बना रहा। तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की पूर्णाहुति में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े।
महोत्सव को लेकर यहां सुबह से ही मेला सजा रहा। श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला रविवार रात से ही शुरू हो गया था, जो सोमवार को भी दिनभर जारी रहा। बिलेश्वर महादेव व चेनजी महाराज दाता के जयकारों के गगन गुंजायमान रहा। सुबह निर्धारित मुहूत्र्त में प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद महाआरती हुई। श्रद्धालुओं ने शिवालय व गुरु मंदिर में दर्शन लाभ लिया। महोत्सव चेनजी दाता के आशीर्वाद एवं उनके शिष्य शेरगिरी महाराज की देखरेख में आयोजित किया गया। इस दौरान आबू संत सेवा मंडल समेत कई अन्य साधु-संतों का सान्निध्य रहा।

शिव परिवार व गुरु दर्शन का लाभ लिया
नवनिर्मित शिवालय में शिव परिवार समेत अन्य प्रतिमाएं भी प्रतिष्ठित की गई है। गर्भगृह में शिव परिवार बिराजित है। साथ ही श्री गणेश व हनुमान, भगवान दतात्रेय, गुरु फतेहगिरी महाराज, गुरु भीमगिरी महाराज, गुरु चेनजी महाराज दाता की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित है। गर्भगृह के सामने शिव की सवारी नंदी व कच्छप बिराजित है। श्रद्धालुओं ने दर्शन-वंदन कर लाभ लिया। प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।

जीव दया में सहयोग का आह्वान किया
मंदिर परिसर में संतों के कुटीर बने रहे, जहां दूर-दराज से आए संतों का डेरा रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन के साथ साधु-संतों से भी आशीर्वाद लिया। हवन-कुंड के दर्शन किए तथा धुनी रमाए बैठे संतों को धोक लगाई। संतों ने धर्म के कार्य में अग्रसर रहने का आशीर्वाद दिया। साथ ही अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गोसेवा एवं जीव दया के कार्यों में लगाने की प्रेरणा दी। संतों ने कहा कि मूक प्राणियों की सेवा ही मूल मंत्र होना चाहिए।
कलाकारों ने बहाई सुर सरिता
प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत रात को भजन-जागरण किया गया। इसमें गायक छोटूसिंह रावणा व जोगभारती ने प्रस्तुति दी। कलाकारों ने भोर तक सुर सरिता बहाई। जागरण में एक के बाद एक भजनों की प्रस्तुति ने समां बांध दिया तथा श्रद्धालु पांडाल में ही झूमते दिखे। श्रद्धालुओं की मांग पर श्रीकृष्ण भजन, शिव भजन, माता रानी के भजनों की प्रस्तुति दी गई। कई श्रद्धालु कलाकारों के साथ से

महाराज को ओढ़ाई महंताई की चादर
महोत्सव के दौरान आबू संत सेवा मंडल की ओर से शेरगिरी महाराज को महंताई की चादर ओढ़ाई गई। इस दौरान लहर भारती महाराज, श्रवणपुरी महाराज, तीर्थगिरी महाराज, बालकगिरी महाराज, गोपालपुरी महाराज समेत कई साधु-संतों का सान्निध्य रहा। लेटा पीपलेश्वर मठ के महंत रणछोड़भारती महाराज भी महोत्सव में सम्मिलित हुए। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने भी दर्शन कर साधु-संतों का आशीर्वाद लिया।