द्वापर जैसे दुर्लभ संयोगों के बीच जन्मेंगे देवकीनंदन

- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार और रोहिणी नक्षत्र का दुर्लभ संयोग
जयपुर. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी खास होने वाली है। सोमवार को श्रीकृष्ण जन्म पर वे संयोग होंगे, जो द्वापर युग में थे। इस बार ऐसे ही दुर्लभ संयोगों के बीच कान्हा का जन्म होगा।
ज्योतिषी बताते हैं कि देवकीनंदन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में जन्म लेंगे। भाद्रपद मास के कृष्ण की अष्टमी तिथि इस बार सोमवार 30 अगस्त को रहेगी। इस दिन धूमधाम से कान्हा का जन्मदिन मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार वे सभी दुर्लभ संयोग रहेंगे जो कान्हा के जन्म के समय रहे थे। ज्योतिषशास्त्री बताते हैं कि श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष राशि में मध्य रात्रि में हुआ था। शास्त्रों में कहा गया है कि जन्माष्टमी पर 6 तत्वों का एक साथ मिलना बहुत ही दुर्लभ होता है। ये 6 तत्व हैं भाद्र कृष्ण पक्ष, अर्धरात्रि कालीन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चंद्रमा एवं इनके साथ सोमवार या बुधवार का दिवस। ये सभी इस बार जन्माष्टमी पर रहेंगे। (sanvariya seth ke darshan)

उत्तम एवं अनुकूल है यह पर्व
ज्योतिषी बताते हैं कि नए सिरे जो लोग जन्माष्टमी का व्रत आरंभ करना चाह रहे हैं उनके लिए इस वर्ष से व्रत आरंभ करना बहुत ही उत्तम माना गया है। जो लोग पहले से जन्माष्टमी व्रत कर रहे हैं उनके लिए भी इस बार जन्माष्टमी का व्रत अति उत्तम रहेगा।

हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की
श्रीकृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो चुकी है। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में सजावट करते हुए कान्हा जन्म को उल्लास से मनाने की तैयारी की है। मध्यरात्रि को घंटे-घडिय़ाल एवं शंख की ध्वनि के बीच भगवान अवतरित होंगे। इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना कर पंजीरी का प्रसाद भी वितरित किया जाएगा। हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की के जयकारे गुंजायमान रहेंगेे।