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विश्वास टाउनशिप के संचालकों पर फ्लैटधारकों ने जताया अविश्वास!

  • सुविधाएं मयस्सर नहीं होने से कायदों पर खड़े किए सवाल
  • मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर कलक्टर से रखी जांच की मांग

सिरोही. शहर में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित विश्वास टाउनशिप के फ्लैटधारकों ने संचालकों पर अविश्वास जताया है। आरोप है कि संचालकों ने नियम-कायदों को धत्ता बताते हुए निर्माण करवाया तथा निर्धारित सुविधाओं से वंचित रखा गया है। मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस आवास योजना को लेकर जांच की मांग रखी गई है। आरोप है कि विश्वास बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड ने फ्लैट तैयार कर मुहैया करवाए थे, लेकिन संचालकों ने फ्लैटधारकों को धोखे में रखते हुए ठगी की है। नियमों के तहत सुविधाएं तय थीं उनमें से अधिकांश का पांच साल में भी कोई ठिकाना नहीं है। सीवरेज, पार्किंग आदि के कोई प्रबंध नहीं है। जान-माल के नुकसान का भी अंदेशा जताया गया है।

मनमानी कीमतों पर किया फ्लैट्स का बेचान
विश्वास बिल्ड होम प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2018 में यहां आवासीय प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके तहत पांच वर्ष की अवधि में मुख्यमंत्री जन आवास योजना में फ्लैट निर्माण पूर्ण किया जाना था। कंपनी के प्रोपराइटर अर्जुनकुमार एवं डायरेक्टर संजय अग्रवाल व लीला देवी हैं। कलक्टर को सौंपे ज्ञापन का मजमून देखें तो इस योजना के अंतर्गत आर्थिक दृष्टि से कमजोर व अल्प आय वर्ग के लोगों को फ्लैट्स का आवंटन किया जाना था, लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया। फ्लैट धारकों से मनमानी कीमत वसूल की गई।

आरोप है कि स्वीकृति शर्तों के अनुरूप निर्माण नहीं
ज्ञापन में फ्लैट धारकों ने आरोप लगाया कि भवन निर्माण स्वीकृति में निर्धारित शर्तों के अनुरूप निर्माण नहीं किया गया। मनमाने तरीके से बिना अनुमति के कई परिर्वतन किए गए। जिस वजह से फ्लैट धारक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो गए। फ्लैट धारकों को मुगालते में लेने के लिए संचालकों ने बाद में एक सोसायटी का गठन भी कर दिया।

राजस्व रेकर्ड में दर्शा रही कृषि भूमि
जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में फ्लैट धारकों ने बिल्ड होम संचालकों पर गंभीर आरोप लगाए हंै। इसमें बताया है कि इस योजना में खसरा नम्बर 3066, 3067, 3068 व 3070 पर विश्वास बिल्ड होम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 302 फ्लैट्स का निर्माण किया है। ये खसरे आज भी राजस्व रेकर्ड में खातेदारी भूमि बलवंतसिंह के नाम पर दर्ज है। अभी तक रेकर्ड में यह भूमि कृषि भूमि में दर्ज है।

अल्प आय वर्ग के लोगों को करने थे आवंटित
फ्लैट धारकों ने ज्ञापन में बताया कि यह फ्लैट मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने हंै। इस योजना के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर व अल्प आय वर्ग के लोगों को लॉटरी के जरिए फ्लैट आवंटित किए जाने थे। जबकि बिल्डर ने मनमाने तरीके से आवंटित किए। राज्य सरकार से अवैध तरीके से अनुदान भी योजना का हवाला देकर प्राप्त कर लिया गया।

कमेटी का गठन व अनुदान की जांच हो
फ्लैटधारकों ने कलक्टर से मांग की है कि आवंटन व योजनाओं की तय शर्तों के संबंध में एक कमेटी का गठन कर निष्पक्ष जांच हो। साथ ही मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाए। इसके साथ ही राज्य सरकार से जो अनुदान मिला है उसकी नए सिरे से जांच किए जाने की मांग रखी है।

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