शराब तस्करी के मुख्य रास्तों पर न निगरानी और ना ही गश्त

- मैथीपुरा से गुजरात जा रही शराब रोकने के पुख्ता प्रबंध नहीं
- क्या कारण है कि तस्करी के लिए खुली मिल रही लाइन
सिरोही. मंडार क्षेत्र में मैथीपुरा से गुजरात के लिए शराब तस्करी के रास्ते खुले पड़े हैं। बगैर निगरानी व बिना गश्त वाले इन रास्तों से तस्कर आसानी से शराब पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि मैथीपुरा, पादर, जुआदरा, बड़ेची, गुंदवाड़ा होते हुए बड़ी मात्रा में शराब गुजरात भेजी जा रही है, लेकिन पुलिस व आबकारी महकमा मूकदर्शक बना हुआ है। तस्करी के अहम रास्तों पर भी जिम्मेदारों की कोई निगरानी नहीं है। यहां तक कि इन रास्तों पर गश्त के भी पुख्ता प्रबंध नहीं है। ऐसे में मैथीपुरा क्षेत्र से गुजरात में बड़ी सरलता से माल पहुंच रहा है।
कपासिया के रास्ते गुजरात में घुस रहे
बताया जा रहा है तस्करी के मुख्य दो रूट है। कपासिया के रास्ते गुजरात में घुसने का अहम रास्ता बताया जा रहा है। पांथावाड़ा-डीसा मार्ग भी तस्करी के लिए सुगम है। वैसे इन रास्तों पर आबकारी व पुलिस की निगरानी क्यों नहीं है यह आसानी से सोच सकते है।
तस्करी की लाइन किसकी शह पर
बताया जा रहा है कि ठेकों के नाम पर उठ रही करोड़ों की शराब को अवैध रूप से गुजरात भेजने की मौन स्वीकृति मिली हुई है। ठेकों पर गारंटी के नाम पर माल उठाने के बहाने तस्करों को शराब बेची जा रही है। ठेकों से उठाया गया माल अवैध रूप से सीधे गुजरात जा रहा है। शराब तस्करी की लाइन किसकी शह पर चलाई जा रही है यह जांच का विषय है।
तस्करी के लिए सारे कायदे ताक पर
आबकारी महकमे की ओर से आवंटित शराब ठेके को नियमों के तहत संचालन करना होता है, लेकिन तस्करों के लिए सारे कायदे धराशायी नजर आते हैं। माल पार करने के लिए इन ठेकों को पूरी रात खुला रखा जाता है। यहां बिकवाली के साथ ही वाहनों में माल भरने की प्रक्रिया चलती रहती है।