शराब पीने से टोका तो भैरूजी मंदिर महंत की हत्या कर दी

- महंत से कहासुनी हुई और लाठी का वार कर हत्या कर दी, फिर खाई में फेंक कर भाग गए
- शहर से सटी पहाड़ी पर मंदिर में हुई वारदात के बाद से ही आक्रोशित थे लोग
सिरोही. पुलिस ने बहुचर्चित महंत की हत्या के प्रकरण का राजफाश कर दिया है। शहर से सटी पहाड़ी पर भैरूजी मंदिर के महंत की दस दिन पहले हत्या हुई थी। पुलिस ने मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। प्रथमदृष्टया सामने आया है कि युवक मंदिर परिसर में शराब पी रहे थे। इस दौरान महंत वहां पहुंचे तो कहासुनी हो गई। इसके बाद युवक उनकी हत्या कर फरार हो गए।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्रसिंह ने बताया कि गत 6 अगस्त की रात को टांकरिया स्थित भैरू टेकरी पर मंदिर के महंत सुभाषनाथ (80) की किसी ने हत्या कर दी थी। उनका शव मंदिर से कुछ दूर पड़ा मिला था। रात को सूचना मिलने पर डीएसपी मदनसिंह चौहान व कोतवाल राजेन्द्रसिंह राजपुरोहित मौके पर पहुंचे तथा घटनास्थल का बारिकी से निरीक्षण किया। उदयपुर से आई फोरेंसिक टीम ने भी जांच शुरू की। पुलिस ने अशोककुमार पुरोहित की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। साधु की हत्या का मामला होने से विभिन्न संगठनों ने भी रोष जताया तथा आरोपियों को जल्द से जल्द पकडऩे को लेकर ज्ञापन दिए। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न टीमों का गठन कर हर एक पहलू को समझते हुए जांच आगे बढ़ाई। सोमवार को इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया गया। इसमें रामनगर गोलिया (मंडवाड़ा-बरलूट) निवासी दिलीप पुत्र तेजाराम राणा भील व मेरपुर (बेकरिया-उदयपुर) निवासी राजू पुत्र गोपीलाल उर्फ गोपाल गरासिया शामिल है। दोनों आरोपी अभी सिरोही में रहते हैं।#murder matter of the Bhairu Ji temple Mahant
हत्या कर भाग गए
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि दोनों आरोपी उस समय मंदिर परिसर में शराब पी रहे थे। इस दौरान महंत पहुंचे तथा ऐसा करने से मना किया। इस पर दोनों युवक नाराज हो गए तथा वहां पड़ी लाठी से वार कर उनकी हत्या कर दी। बाद में शव को खाई में फेंककर भाग गए।
अनुसंधान टीम में रहे ये शामिल
इस प्रकरण का राजफाश करने में पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी। एएसपी डॉ. देवेंद्र शर्मा के निर्देशन एवं डीएसपी मदनसिंह चौहान के मार्गदर्शन में थानाधिकारी राजेन्द्रसिंह राजपुरोहित नेतृत्व में टीमें गठित की गई। हैड कांस्टेबल धीरेंद्रप्रताप सिंह, जसवंतसिंह, कांस्टेबल डूंगरसिंह तंवर, जितेन्द्रसिंह चौहान, दिनेशकुमार, जीवराज चौधरी, सुरेशकुमार, सुरेन्द्रसिंह ने अनुसंधान एवं आरोपियों की गिरफतरी में प्रमुख भूमिका निभाई। वहीं, हैड कांस्टेबल भवानीसिंह, सुरेशकुमार, भजनलाल, पृथ्वीसिंह, लाभूसिंह चारण, सुरेशकुमार, वीरेंद्रप्रताप सिंह, नंदकिशोर, लालाराम का तकनीकी विश्लेषण व अनुसंधान में सहयोग रहा।