
- टैग की डिटेल से मालिक तक आसानी से पहुंच सकते हैं
- मालिक पर पाबंदी या कार्रवाई का खुल सकता है रास्ता
सिरोही . शहर के लोग घुमंतू पशुओं के हमले में जान-माल का नुकसान झेल रहे हैं और इनका मालिक कौन है इसकी किसी को जानकारी नहीं है। वैसे घूम रहे अधिकतर गोवंश के कान पर पीला टैग लगा हुआ है। टैग के जरिए डेटा ट्रेस कर मालिक तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। डिटेल मिलने के बाद मालिक को अपने पशु को कब्जे में रखने के लिए पाबंद भी किया जा सकता, लेकिन इस तरह के कोई प्रयास नहीं हो रहे। लिहाजा सडक़ों पर खुले घूम रहे पशु लोगों के लिए नुकसान का पर्याय बने हुए हैं। इस सम्बंध में नगर परिषद एसआई प्रवीणकुमार व महिपालसिंह ने बताया कि घुमंतू पशुओं को पकडऩे के लिए हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
मालिकों पर नहीं हो पा रही कार्रवाई
बताया जा रहा है कि मालिक अपने पशुओं को सडक़ों पर खुला छोड़ रहे हैं और पकड़ते समय मालिक छुड़ाकर ले जाते हैं। नगर परिषद की ओर से इस सम्बंध में एक-दो बार प्रेस रिलीज भी जारी की जा चुकी है। लेकिन, टैग के जरिए मालिक तक पहुंचने या पशुओं को सडक़ खुला छोड़ रहे मालिकों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही।
टैग से यह खुलासा भी हो सकता है
वैसे आरोप तो यह भी है कि गोशाला में जमा कराए गए पशु वापस सडक़ों पर आ रहे हैं। लिहाजा टैग की डिटेल ट्रेस होने पर इसका खुलासा हो सकता है। गोशाला का गोवंश सडक़ों पर घूमता मिले तो पूरा मामला ही सामने आ सकता है कि नगर परिषद की मेहनत पर किस तरह से पानी फेरा जा रहा है। लेकिन, इस दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा।
ये अलाप रहे अपना-अपना राग
नंदीशाला के नाम पर एमओयू कराने वाली संस्था केवल यही राग अलाप रही है कि घुमंतू गोवंश को तभी जमा कर सकते है जब नगर परिषद लेकर आए। वहीं, नगर परिषद महीने में बारह-पंद्रह से ज्यादा नंदी पकड़ ही नहीं रही। इसमें से भी पशु मालिक कई बार विरोध करते हुए गोवंश को छुड़ा ले जाते हैं। ऐेसे में घुमंतू पशुओं से होने वाले नुकसान से कब निजात मिलेगी यह कहना मुश्किल है।
फोटो कैप्शन: सिरोही ०१
सिरोही में घूम रहा पीला टैग लगा गोवंश।



