समय पर नहीं मिला आवास, पूरी राशि वापस देने के आदेश

- आवास का कब्जा सुपुर्द नहीं करने को माना सेवा में त्रुटि
- बालाजी बिल्ड स्काई व नगर पालिका पर लगा हर्जाना
सिरोही. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक फैसला सुनाते हुए आवास निर्माण कंपनी व नगर पालिका पर हर्जाना लगाया है। साथ ही आवास के नाम पर ली गइ पूरी राशि वापस लौटाने के भी आदेश जारी किए गए।
अभियोजन पक्ष के अनुसार परिवादी वीराराम कलबी ने आवास योजना के तहत आवेदन किया था। अप्रार्थी नगर पालिका पिंडवाड़ा ने राजस्थान सरकार सहभागिता आवास योजना के तहत अर्फोडेबल हाउसिंग पालिसी 2009 के तहत जी-3 आवास आवंटन आवेदन पत्र आमंत्रित कर लॉटरी निकाली थी। इसमें परिवादी के आवेदन पत्र से इस योजना में आवास आवंटित किया गया। परिवादी को पंजीकरण पुस्तिका देकर उसके पेज में वर्णित अनुसार राशि अप्रार्थी के बैंक खाता में जमा करवाने परिवादी को आवास आवंटन मांग पत्र प्रेषित किया। मांग पत्र अनुसार अप्रार्थी के खाते में राशि 6 लाख 97 हजार 587 रुपए संपूर्ण राशि जमा करवा दी, लेकिन अप्रार्थी की ओर से परिवादी को उक्त आवास का कब्जा सुपुर्द नहीं किया गया। इससे परिवादी को आवास से वंचित होना पड़ा। आयोग ने इस कृत्य को सेवा में त्रुटि मानते हुए फैसला सुनाया है। आयोग अध्यक्ष मलारखान मंगलिया, सदस्य रोहित खत्री व उज्जवल सांखला ने सुनवाई की।
समय पर कार्य पूर्ण नहीं किया
राजस्थान सरकार सहभागिता आवास योजना के अंतगर्त राजस्थान आवास विभाग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, जयपुर के पत्र पर अप्रार्थी बालाजी बिल्ड स्काई प्रा.लि को निर्माण संबंधी कार्यादेश जारी किया। जिसकी कार्य पूर्ण करने की तिथि तय की गई थी, लेकिन समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर अनुमोदन के बाद अवधि को ओर बढ़ाया गया। निर्माण कार्य में की गई देरी से समय पर आवास का कब्जा सुपुर्द नहीं किया जा सका। अप्रार्थी बालाजी बिल्ड स्काई नोटिस तामिल होने पर भी अनुपस्थित रहा।
यह सुनाया फैसला
जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कि अप्रार्थीगण द्वारा नियत समय पर प्रार्थी से संपूर्ण राशि प्राप्त करने के बाद भी आवास उपलब्ध नहीं करवाया है, जो अप्रार्थी का कृत्य सेवा में त्रुटि की परिभाषा में आता है। अप्रार्थी व परिवादी के मध्य सेवा प्रदाता व सेवा ग्रहिता के संबंध है। इसलिए अप्रार्थी परिवादी को आवास पेटे जमा की गई राशि 6 लाख 97 हजार 587 रुपए परिवाद पेश करने की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सहित अदा करें। साथ ही मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए हर्जाना पांच हजार व परिवाद व्यय पांच हजार रुपए अदा करें।#sirohi_consumer_court#Sirohi. Housing not received on time, orders to give back full amount