
- पुलिस का दोहरा मापदंड, प्रभारी मंत्री से करनी पड़ी शिकायत
सिरोही. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की पक्षधर रही सरकार और पुलिस का दोहरा मापदंड सामने आ रहा है। स्कूल में अध्यापक से प्रताडि़त रही छात्राओं की शिकायत को पुलिस ने पेंडिंग रख दिया, जबकि आक्रोशित अभिभावकों की ओर से शिकायत लेकर स्कूल पहुंचने पर तत्काल ही एक्शन हो गया। मामला रोहिड़ा के राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय का है। यहां स्कूल में छात्राओं से अश्लील बातें करने के आरोप में पुलिस ने अध्यापक पर तीन दिन बाद भी मामला दर्ज नहीं किया, जबकि मामले की शिकायत को लेकर स्कूल पहुंचे अभिभावकों के खिलाफ तत्काल ही राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कर लिया। #sirohi_rohida_police
छात्राओं की शिकायत को जांच का हवाला देते हुए पेंडिंग रख दिया
घटना गत 19 नवम्बर की है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इसी दिन अध्यापक को निलम्बित एवं प्रधानाचार्य को एपीओ कर दिया था। वहीं आरोपी अध्यापक को पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। प्रधानाचार्य ने ग्रामीणों पर राजकार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में रिपोर्ट दी थी, जिस पर सरपंच समेत अन्य लोगों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। उधर, छात्राओं की ओर से अध्यापक के विरुद्ध दी गई शिकायत को पुलिस ने जांच का हवाला देते हुए पेंडिंग रख दिया।#Sirohi-police’s double standard- had to complain to the minister in charge
शिकायत के लिए प्रभारी मंत्री का काफिला रूकवाया
ग्रामीणों ने इस सम्बंध में प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी से शिकायत की। मंत्री का काफिला रोहिड़ा ग्राम पंचायत के बाहर से जा रहा था। इस दौरान ग्रामीणों ने काफिला रूकवाया तथा पुलिस के इस रवैये को लेकर शिकायत दी। बताया कि स्कूल के अध्यापक ने बालिकाओं से अश्लील बातें की, जिसकी शिकायत लेकर स्कूल में गए थे। प्रधानाचार्य ने ग्रामीणों पर राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करवा दिया। दूसरी ओर स्कूली छात्राओं की रिपोर्ट पर पुलिस नेकोई कार्रवाई नहीं की। इस पर प्रभारी मंत्री ने मौके पर ही पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया। इसके बाद पुलिस ने छात्रा की रिपोर्ट पर अध्यापक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
स्कूल पहुंचे अभिभावकों पर दर्ज कराया मुकदमा
ज्ञातव्य है कि स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं ने एक अध्यापक बाबूलाल मेघवाल पर अश्लील बातें करने का आरोप लगाया। इस पर अभिभावक एवं ग्रामीण स्कूल पहुंचे तथा प्रधानाचार्य आशाकुमारी से मिलकर शिकायत की। इससे प्रधानाचार्य भड़क गई तथा ग्रामीणों के खिलाफ ही पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने भी रास्ता जाम कर विरोध जताया। उधर, मामले की जानकारी मिलने पर विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा प्रधानाचार्य को एपीओ कर अध्यापक को निलम्बित कर दिया। वैसे इस मामले में छात्राओं की ओर से दी गई रिपोर्ट को पुलिस ने दर्ज ही नहीं किया।