सिरोही के शक्तिपीठ में तैयार होंगे ‘अभिमन्युÓ
- पुंसवन संस्कार इसलिए कि अभी से हो सके संस्कारों का सिंचन
सिरोही. अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में सिरोही स्थित गायत्री शक्तिपीठ में अब अभिमन्यु तैयार होंगे। सुभद्रा के गर्भ में पल रहे इन ‘अभिमन्युÓ को तैयार करने के लिए पूरी टीम जुटी हुई है। इसके लिए जिलेभर में कार्यक्रम हो रहे हैं। इसके तहत जिला मुख्यालय पर गायत्री शक्तिपीठ में गर्भवती के पुसंवन संस्कार करवाए जा रहे हैं, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु को अभी से संस्कार मिल सके। इसके लिए शक्तिपीठ से जुड़ी कई माताएं व बहनों ने संस्कारों के सिंचन का संकल्प लिया है।
शिशु व माता को दी आशीष
गायत्री शक्ति पीठ के ट्रस्टी एवं मीडिया प्रभारी संजयकुमार वर्मा ने बताया कि आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी अभियान के तहत जिलेभर में इस तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इस दौरान मौजूद महिलाएं व अन्य लोग गर्भवती को आशीष देकर शिशु व माता को शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही संस्कारों का सिंचन किया जा रहा है, ताकि शिशु अभी से सीखना आरंभ कर सके।
सकारात्मक रहने की सीख दी
आयोजन समिति के अनुसार रविवार को सिरोही गायत्री शक्तिपीठ में पांच महिलाओं को उनके परिजनों की उपस्थिति में पुंसवन संस्कार करवाया गया। शक्तिपीठ के परिवाजक आत्मानंद ने विधि-विधान के कार्य करवाए। वहीं, गायत्री परिवार की बहनें इन्द्रा खत्री, उर्मिला खण्डेलवाल, रंजन देवी, अनिता चौहान, रजनी दहिया ने गर्भवती को सकारात्मक रहने एवं नए क्रियाकलापों से जुडऩे की प्रेरणा दी।
क्रियाकलापों में लाना चाहिए बदलाव
गर्भवती को बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान महिला को खान पान में बदलाव करना चाहिए। उसके क्रियाकलाप, आदतें, परिजनों के प्रति व्यवहार आदि को लेकर समुचित ध्यान रखना चाहिए। इन सभी कारणों से होने वाले बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पडऩे वाले असर की भी जानकारी दी गई।
गर्भ में सीखता है शिशु
कार्यक्रम के दौरान यशस्विनी गोमतीवाल ने बताया कि पुंसवन संस्कार से माता के गर्भ में पल रहे शिशु में संस्कारों की नींव रखी जाती है। शिशु इसी समय गर्भ में काफी कुछ सीखना शुरू कर देता है। इस अवसर पर गायत्री शक्ति पीठ के हरीश खण्डेलवाल, हितेशकुमार, गोविन्द खण्डेलवाल, कन्हैयालाल पुरोहित आदि उपस्थित थे।#Gayatri Shaktipeeth located in Sirohi under the guidance of All World Gayatri Parivar Shantikunj Haridwar