- प्रभारी मंत्री से कहा माही नदी जल बंटवारा एग्रीमेंट के तहत सिरोही को पानी दिलाया जाए
- गुजरात में कड़ाणा बांध बनने से सिरोही को हुई अपूरणीय क्षति, फिर भी झेल रहे जल संकट
सिरोही. लम्बे अर्से से जल संकट झेल रहे सिरोही को पानी दिए जाने की जिला प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन के समक्ष मांगा रखी गई है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य लुम्बाराम चौधरी ने इस सम्बंध में प्रभारी मंत्री को ज्ञापन सौंपा। इसमें माही नदी जल बंटवारा एग्रीमेंट का हवाला दिया है।
उन्होंने बताया कि सिरोही के हक का पानी गुजरात जा रहा है। गुजरात में कड़ाणा बांध बनने पर सिरोही को भारी क्षति हुई थी, लेकिन सिरोही को अब भी जल संकट झेलना पड़ रहा है। एग्रीमेंट के तहत खेड़ा जिले में नर्मदा आने पर कड़ाणा बांध के कैचमेंट का दो-तिहाई हिस्सा राजस्थान को देना प्रस्तावित था। यह पानी जल संकट वाले सिरोही जिले को मिलना था, लेकिन इस पर सालों बीत जाने पर भी कोई ध्यान नहीं जा रहा।
जल उपलब्ध करवाने में सक्षम
वर्ष-2015 में राजस्थान जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने गुजरात में माही व नर्मदा जल के उपयोग को लेकर निरीक्षण किया तथा अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी। एक्सपर्ट मेम्बर की रिपोर्ट वर्ष-2018 के अनुसार गुजरात सरकार ने सुजलाम सुफलाम नहर उतरी गुजरात के लिए बनाई है, जो राजस्थान सीमा से पंद्रह किमी ही दूर है तथा खोसला कमेटी व समझौता के तहत प्रस्तावित हाईलेवल कनोल के अनुरूप ही है। नर्मदा जल से पच्चीस मीटर ऊंचाई तक सूखे से प्रभावित रहने वाले सिरोही-जालोर क्षेत्र को गुरुत्व प्रवाह से जल उपलब्ध करवाने में सक्षम है।
ढिलाई बरतने का आरोप
उधर, सिरोही जिले में बत्तीसा नाला बांध का कार्य जल्द पूरा किए जाने की भी मांग रखी है। कार्य को जान बुझकर ढिलाई में डालने का आरोप लगाया। बाइपास रोड नहीं बनने से भी परेशानी बढ़ रही है। कार्यकारी एजेंसी के ठेकेदार ने बताया कि रोड नहीं बनने से कार्य में अवरोध आ रहा है।
सेई का पानी लाया जाए
उदयपुर-सिरोही की सीमा पर स्थित सेई बांध ऊंचाई पर होने से आसानी से पानी लिफ्ट कर सकते हैं। वर्ष-2007-08 में पिण्डवाड़ा व सिरोही को पानी देने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था इस पर कार्य किए जाने की दरकार है। सेई का पानी पिण्डवाड़ा, सिरोही व शिवगंज तक लाने के लिए प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना से जोड़ा जाए। साथ ही जिले से व्यर्थ बह कर जा रहे पानी को रोककर सिरोही के बांधों में लाया जाए।