- नामांकन के बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने लगभग हर सवाल पर दिया सस्पेंस भरा प्रत्युत्तर
- जवाबों में बताया ज्योतिषी नहीं हूं, सभा का इंतजार कीजिए और बताइए आपकी कैसी सेवा हुई
सिरोही. सिरोही विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार संयम लोढ़ा ने शुक्रवार को अपना नामांकन जमा करवाया। शक्ति प्रदर्शन के लिए अहिंसा सर्किल से कलक्ट्री तक रैली निकाली गई। नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए संयम लोढ़ा ने हर सवाल का जवाब दिया, लेकिन जवाब सस्पेंस भरे रहे। लिहाजा इन सवालों का उत्तर आने वाले समय में मिलने की उम्मीद है।
फिल्म 3 दिसम्बर को सामने आएगी
नामांकन के दौरान भीड़ को लेकर प्रतिक्रिया पूछने पर संयम लोढ़ा का कहना रहा कि आपने देख ही लिया है प्रतिक्रिया तो सिरोही की जनता ने दे दी है, हजारों की संख्या में आशीर्वाद देकर। अपना मूड बता दिया है यह ट्रेलर है, फिल्म 3 दिसम्बर को सामने आ जाएगी।
यह बीजेपी के मित्रों ने ही बता दिया है
पत्रकारों ने पूछा कि अंतर कितना रहेगा तो उनका जवाब था कि मैं ज्योतिषी नहीं हूं। अन्य एक सवाल सामने आया कि आप भाजपा के ओटाराम देवासी को कितना कंपीटिशन में मानते हैं तो जवाब मिला कि बीजेपी के जिन मित्रों ने कल आपसे बात की है उन्होंने बता ही दिया है। बीजेपी के दोस्त ही बताते हैं और पिछले कई सालों से बता रहे हैं। (भाजपा से बगावत कर पत्रकार वार्ता करने वाले पदाधिकारियों को लेकर यह बात कही गई है।)
… तो ईडी भेज दें
प्रत्याशी संयम लोढ़ा से एक सवाल पूछा गया कि बीजेपी का आरोप है कि हेमंत पुरोहित को खड़ा करने के पीछे आपका ही हाथ है। इस पर पहले तो हं… कहते हुए वापस सवाल पूछा, पत्रकार की ओर से सवाल वापस पूछा गया तो जवाब मिला कि … तो ईडी भेज दें।
आप मेरी सभा का इंतजार कीजिए
वापस जीतने पर आप क्या करेंगे और सिरोही विधानसभा क्षेत्र के लिए क्या रोड मैप रहेगा, इस सवाल के जवाब पर वे दिल पर हाथ रखते हुए बोले कि सिरोही यहां है और इसके लिए सब करूंगा। यहां के लोगों की इच्छाएं व अपेक्षाएं है और कुछ चीजें मेरे मन में भी बाकी रह गई है, मौका मिला तो चाहूंगा कि पूरा करूं। सवाल आया कि सर, क्या-क्या काम बाकी रह गए है। इस पर जवाब मिला इसके लिए आप सरजावाव दरवाजे पर मेरी सभा का इंतजार कीजिए।
कोरोना में कैसी सेवा हुई बताइए आप
सवाल पूछा गया कि सर, सिरोही में गवर्नेंस को लेकर बहुत शिकायतें रही है। इस पर सवाल काटते हुए जवाब दिया कि इस बात का मैंने पहले भी जवाब दिया है कि हमने जितने पटटे बनाए है उतने इतिहास में नहीं बने। पत्रकार ने वापस पूछा कि पटटा मतलब मान लिया जाए कि गवर्नेंस बेहतर है। इस पर जवाब आया कि हर क्षेत्र में, मैं तो वो कार्यकर्ता हूं, जो राउंड द क्लॉक लोगों के बीच में काम करता है। फिर सीधे ही पत्रकार से सवाल पूछा कि आप भी कोरोना पीडि़त हुए थे, कैसी सेवा हुई थी बताइए आप।