हाईवे किनारे चल रहे अवैध बार, कायदों की धज्जियां उड़ा रहे ठेकेदार

- आबकारी की नजरे इनायत से रेवदर व आबूरोड क्षेत्र में स्थिति ज्यादा गंभीर
- दुकान के नाम पर लगा रखे हैं केबिन और झोपड़ों में परोस रहे शराब
सिरोही. आबकारी महकमे की नजरे इनायत के कारण शराब ठेकेदारों की मौज हो रही है। दुकानों के नाम पर अवैध रूप से बार चलाए जा रहे हैं। यहां तक कि दुकानों के नाम पर केबिन लगा रखे हैं एवं झोपड़ों में ही शराब परोसी जा रही है। ज्यादा ग्राहकी वाले इलाकों में दुकानों के पास ही झोपड़े बना रखे हैं। लम्बे-चौड़े भूखंड में टेबल-कुर्सी से लेकर पलंग के प्रबंध भी हैं। ज्यादा ग्राहकी कमाने के लालच में ज्यादा सुविधाएं दी जा रही है। यूं तो इस तरह की स्थिति जिलेभर में है, लेकिन गुजरात से सटे रेवदर व आबूरोड इलाके में स्थिति कुछ ज्यादा ही गंभीर है। हाईवे किनारे बड़े भूखंडों में अवैध रूप से बार चलाए जा रहे हैं। यह सब आबकारी महकमे की नाक नीचे चल रहा है, लेकिन न तो कोई ध्यान दे रहा है और कार्रवाई हो रही है। जिम्मेदारों की शह के कारण शराब ठेकेदार कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
लगभग हर जगह अवैध बार
हाईवे किनारे लम्बे-चौड़े भूखंड में शराब की केबिननुमा दुकान और उसके आसपास बने झोपड़े, जिनमें हर समय शौकीनों का जमावड़ा। रेवदर व आबूरोड क्षेत्र में इस तरह के नजारे लगभग हर जगह देखने को मिल जाएंगे। गुलाबगंज, अनादरा, लूणोल, मंडार, ओर, खड़ात समेत आसपास के कई गांवों में हाईवे किनारे ऐसे अवैध बार आसानी से नजर आते हैं।
मुहैया करवाते हैं सारी चीजें
अवैध रूप से चल रहे इन बारों में शौकीनों को बैठने की आसानी से जगह मिल जाती है। वहीं पानी और नमकीन जैसी सुविधा भी मिलती है। कई जगह अंडे व इसी तरह की अन्य चीजें भी मुहैया कराई जा रही है। शराब पार्टी के शौकीनों को इससे बढिय़ा जगह और कहां मिल सकती है। यही कारण है कि ठेकेदार इन अवैध बार जैसी दुकानों पर सारी सामग्री मुहैया रखते हैं।
निरीक्षण नहीं होता या आंखें बंद कर रखी है
दुकानों के साथ चलाए जा रहे शराब के ये अवैध बार आबकारी महकमे की नजरों में नहीं है। यदि ऐसा होता तो अवैध रूप से चल रहे ये बार जरूर बंद हो जाते। वैसे यह भी तय है कि आबकारी अधिकारी, निरीक्षक व प्रहराधिकारी को अपने क्षेत्र में प्रतिमाह निरीक्षण भी करना होता है। लिहाजा दो ही बातें हो सकती है या तो महकमे के जिम्मेदार इन दुकानों का निरीक्षण करने में ढिलाई बरत रहे हैं या जान-बुझकर आंखें बंद कर रखी है। चाहे जो हो, लेकिन इससे ठेकेदारों की मौज बनी हुई है। ठेकेदार कायदों को ताक पर रखते हुए चांदी काट रहे हैं और महकमा इन पर ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। ऐसा क्यों है यह तो पता नहीं, लेकिन इससे विभागीय कार्य प्रणाली जरूर सवालों के घेरे में है।#Illegal bars running along the highway, contractors flouting the rules