हादसे का पर्याय बन रहे तेज रफ्तार दौड़ते दूध भरे वाहन
- कई बार हो चुुके हैं हादसे, नहीं हो रही ठोस कार्रवाई, नशे की हालत में वाहन दौड़ाने के भी आरोप
सायला (जालोर). क्षेत्र में द्रुतगति से दौड़ते वाहन हादसे का पर्याय बन रहे हैं। खासतौर से दूध लेकर चलने वाली पिकअप जीपों से मुश्किल बढ़ रही है। इन वाहनों से पिछले कुछ समय में ही कई हादसे हो चुके हैं। बुधवार को भी एक पिकअप जीप बेकाबू होकर खेत में घुस गई। परिवहन नियमों को ताक पर रखते हुए चलने वाले इन वाहनों से लोगों की जान जोखिम में हैं।
जानकारी के अनुसार दूध डेयरी संचालक तेज गति से वाहन संचालन कर रहे हैं। समय से पहले पहुंचने की होड़ में वाहन काफी तेजी से दौड़ाए जाते हैं। ओटवाला के ग्रामीणों ने बताया कि दूध की वाहन से कई बार दुर्घटना हो चुकी है। लेकिन, हादसों पर प्रभावी रूप से अंकुश नहीं लगाया जा रहा। लगातार हो रहे हादसों के बावजूद न तो सबक लिया जा रहा है और न इस तरह के वाहनों पर कार्रवाई हो रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तेज रफ्तार वाहन चलाने वाले चालक अक्सर नशे की हालत में होते हैं। पुलिस की ओर से इनकी जांच या रोकथाम को लेकर कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है। ठोस कार्रवाई नहीं होने से नशेड़ी चालक बेखौफ हो रहे हैं।
तेज रफ्तार वाहनों से भय
बेकाबू रफ्तार से चलने वाले इन वाहनों से लोग भयभीत है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए तेज रफ्तार वाहन काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। पिकअप जीपों के बार-बार हादसे का शिकार होने को लेकर ग्रामीण आशंकित भी है। ग्रामीणों ने तेज रफ्तार चलने वाले वाहनों पर अंकुश लगाए जाने की मांग रखी है।
हादसे में हो चुकी है जनहानि
ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को भी दूध से भरी जीप अनियंत्रित होकर खेत में घुस गई। गनीमत रही कि हादसे के दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था। इससे जनहानि से बचाव हो गया। कुछ समय पहले सायला के ककाड़ी नाड़ी के पास इसी तरह से एक हादसा हो चुका है। चालक नशे की हालत में होने से वाहन हादसे का शिकार हो गया। हादसे में घायल एक महिला की मौत हो गई थी।